आज वैलेंटाइन डे है यानि मोहब्बत का दिन. कहते हैं कि अपने दिल की बात किसी के दिल तक पहुंचानी हो और कुछ अच्छे शब्द पास में न हों तो शायरी का सहारा लीजिए. ये आपके रास्ते आसान कर देंगे और आपकी बात न सिर्फ सामने वाले के दिलों तक पहुंचेगी बल्कि गहराई में भी उतर जाएगी. कई ऐसे शायर हुए जिन्होंने अपनी कलम से लिखे शब्दों को कुछ इस तरह पिरोया और उसे सुनाया तो दिलों में जज्बात पैदा हो गए. इसे पढ़ेंगे तो ऐसा लगेगा आप मोहब्बत की हसीन दुनिया में चले गए हैं. ये शायरी अपनी मोहब्बत को डेडिकेट करेंगे तो यकीन मानिये कि वैलेंटाइन डे का मजा दोगुना हो जाएगा. ऐसे शायरों कि लिस्ट में राहत इंदौरी से लेकर शकील आजमी और विष्णु सक्सेना से लेकर अंजुम रहबर और दिनेश रघुवंशी का नाम है और इनकी एक लंबी फेहरिस्त है. तो वैलेंटाइन डे पर पढ़ें कुछ ऐसी ही शायरी और अपनी मोहब्बत को जरूर डडिकेट करें.
कोई दिल को यूं ही भाये वही तो प्यार होता है
उसी की याद जब आए वही तो प्यार होता है
समझकर सोचकर तो सिर्फ सौदा ही किया जाए
जो नासमझी में हो जाए वही तो प्यार होता है
-दिनेश रघुवंशी
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
एक झलक देखकर जिस शख्स से चाहत हो जाए
उसको पर्दे में भी पहचान लिया जाता है
-शकील आजमी
हम अपनी जान की दुश्मन को भी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं
-राहत इंदौरी
मेरा संसार है तुमसे, मुझे इतना ही कहना है
ये हर त्योहार है तुमसे मुझे इतना ही कहना है
मुझे कहना नहीं कुछ और तुमसे जानते हो तुम
मुझे बस प्यार है तुमसे, मुझे इतना ही कहना है
-दिनेश रघुवंशी
हुस्न की मल्लिका हो या सांवली सी सूरत
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है
तुम आ गए हो तो कुछ चांदनी सी बातें हों
जमीं पर चांद कहां रोज-रोज उतरता है
-वसीम बरेलवी
प्यार नजरों में आना नहीं चाहिए
रोज मिलना मिलाना नहीं चाहिए
बारिशों को इरादे खतरनाक हैं
अब पतंगें उड़ाना नहीं चाहिए
मैंने ये सोचकर दे दिया दिल उसे
दिल किसी का दुखाना नहीं चाहिए
-अंजुम रहबर
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जाए
बिछड़ भी जाएं तो हाथों में हाथ रह जाए
मैं सो रहा हूं तेरे ख्वाब देखने के लिए
ये आरजू है कि आंखों में रात रह जाए
-शकील आजमी
हमें कुछ पता नहीं है हम क्यों बहक रहे हैं
रातें सुलग रही हैं दिन भी दहक रहे हैं
जब से तुमको देखा बस इतना जानते हैं
तुम भी महक रहे हो हम भी महक रहे हैं
-विष्णु सक्सेना
तुझे पाकर मेरा दिल और भी बेताब होता है
यकीं आता नहीं पूरा यूं कोई ख्वाब होता है
मेरी कोशिश तो रहती है न धुंधलाए तेरा चेहरा
मगर मिलते ही तुझसे आंखों में सैलाब होता है
-दिनेश रघुवंशी