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Hindu and Muslim Marriages: धार्मिक एकता की मिसाल! बिहार के गोपालगंज में एक ही मंडप में हुई हिन्दू शादी और निकाह 

शादी में शामिल होने आई महिलाओं ने जहां मंगल गीत गाकर पारंपरिक ढंग से विवाह को संपन्न कराया, तो दूसरी तरफ गाजे बाजे के साथ आई बारात का स्वागत किया गया. वहीं शादी के मंडप के पास ही चार जोड़ों का निकाह भी कराया गया.

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हाइलाइट्स
  • हिंदू रीति रिवाज से 18 जोड़े की हुई सामूहिक शादी 

  • चार जोड़ों का कराया गया निकाह

  • कार्यक्रम में उमड़ी महिलाओं की भीड़

बिहार और यूपी सीमा के समीप गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के स्याही नदी के तट पर लामीचौर पंचायत में मंगलवार को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वैदिक मंत्रोच्चार और कबूलनामा के बीच 22 जोड़ों की शादी संपन्न कराई गई. जिसमें चार का निकाह कराया गया. भाईचारा और सद्भावना के एक प्रतीक बना है जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. 

सामूहिक विवाह कार्यक्रम में बिहार के गोपालगंज और सिवान जिलों के अलावा यूपी के देवरिया और कुशीनगर तथा गुजरात के कच्छ जिलों से शादी के बंधन में बंधने के लिए वर-वधु और उनके परिजन पहुंचे थे. सबसे अहम बात यह रही कि पहली बार ऐसा हुआ कि एक ही मंडप पर एक तरफ विवाह की वेदी सजी थी तो दूसरी तरफ निकाह का कबूलनामा हो रहा था. वैदिक मंत्र पढ़े जा रहे थे, मौलाना कलमा पढ़ रहे थे. वहीं महिलाओं की उमड़ी भीड़ में गजब उत्साह दिख रहा था.

18 जोड़े मंत्रोच्चार के बीच परिणय सूत्र में बंधे 

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यूपी के जौनपुर के भोगीपुर निवासी अंतिमा तिवारी की शादी भोरे थाना के जगतौली के ओम पांडे के साथ हुई. इसी प्रकार भोरे के मथौली की गुड़िया की देवरिया के घांटी निवासी बृजेश कुमार राम से, देवरिया के निहरुवां की प्रीति शर्मा से भाटपार रानी के बुलबुल शर्मा की, फुलवरिया के लाढपुर की अमीषा कुमारी की कुशीनगर के दोमट कोठी राहुल गिरी से, फुलवरिया के हरिहरा की नंदनी कुमारी की भोरे के छठियांव के चंदन शाह से आदि. ऐसे करते हुए 18 जोड़ो को एक सूत्र में बांधा गया. 

चार जोड़ों का किया गया निकाह

वहीं शादी के मंडप के पास ही चार जोड़ों का निकाह भी कराया गया. निकाह कराने आए मौलाना कलमा पढ़ा. उसके बाद कबूलनामा कराया गया. जिन लोगों का निकाह कराया गया, उनमें सीवान के बड़का मांझा के भोला नट का कन्हौली की नजमा नेशा से, सिवान जिले के गुठनी के अब्दुल नट का गोपालगंज के यादवपुर शुक्ल की सोनाली खातून से, सीवान के हबीबनगर निवासी चांद नट का देवरिया की गुड़िया खातून से, सीवान के बड़का मांझा के खुर्शीद नट का गोपालगंज के फरहदवा की सपना खातून से निकाह कराया गया.

वर-वधु को दिया गया आशीर्वाद और उपहार

शादी में शामिल होने आई महिलाओं ने जहां मंगल गीत गाकर पारंपरिक ढंग से विवाह को संपन्न कराया, तो दूसरी तरफ गाजे बाजे के साथ आई बारात का स्वागत किया गया. सबसे पहले तिलक चढ़ाया गया. जिसमें फर्नीचर से लेकर आभूषण और वस्त्र आदि दिए गए. वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आई समाजसेवी प्रीति किन्नर ने सभी वधुओं को उपहार दिया.  

प्रीति किन्नर ने इसे लेकर कहा, “इस समारोह में शामिल हिंदू और मुस्लिम जोड़े एक दूजे के लिए बने जिन्हें शुभकामना दी गई है. ऐसा समारोह हर जगह होना चाहिए ताकि समाज में सद्भावना बनी रहे.”

समाज में सद्भावना बनी रहेगी 

मुखिया मोहन सिंह कहते हैं कि लामीचौर में पिछले साल की तरह साल भी मंगलवार को सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. खास बात ये रही कि 18 जोड़े हिंदू रीति रिवाज से परिणय सूत्र में बंधे, तो वहीं 4 जोड़ों का निकाह कराया गया.

(सुनील कुमार तिवारी की रिपोर्ट)