मामला पंजाब के संगरूर के रामपुर गुजरा गांव का है. इस गांव में 11 के करीब मुस्लिम परिवार रहते हैं. जिन्हें नमाज अदा करने यहां से 3 किलोमीटर दूर दिडबा की मस्जिद में जाना पड़ता था. जिसके चलते इन्हें काफी परेशानी होती थी. ये चाहते थे कि गांव में ही अगर मस्जिद बन जाए तो दूर जाने से छुटकारा मिल जाएगा. लिहाजा इन्होंने पंचायत से जमीन की मांग की, जो पूरी नहीं हो सकी. जिसके बाद गांव के हिंदू समुदाय से आने वाले हरमेश सिंह और बलबीर सिंह से मुस्लिम परिवारों ने पैसे देकर उनकी 3 बिस्वा जमीन मांगी.
हरमेश सिंह और बलबीर सिंह ने बड़ा दिल दिखाया. उन्होंने ना सिर्फ जमीन देने की हामी भरी. बल्कि पैसे लेने से इनकार भी कर दिया. दोनों ने मस्जिद के लिए अपनी जमीन दान में दे दी. जमीन दान देने वाले हरमेश सिंह ने कहा कि इन्हें 4-5 किलोमीटर जाना पड़ता था. ये लोग आये कि पैसे लेकर हमें जमीन दे दो, हमने कहा- मस्जिद बनाने के लिए कोई पैसा नहीं चाहिए, हम मुफ्त में जमीन देंगे.
'नमाज पढ़ने 4-5 किलोमीटर जाना पड़ता था'
वहीं मुस्लिम परिवार के सदस्य हनीफ खान ने कहा कि हमें दिक्कत यही थी कि 4-5 किलोमीटर नमाज पढ़ने जाना पड़ता है, अब यहां नमाज अदा किया करेंगे.
दो हिंदू परिवारों ने मस्जिद के लिए जमीन दान देकर गांव के मुस्लिम परिवारों की समस्या हल कर दी.अब उस जमीन पर मस्जिद के निर्माण का काम शुरू हो गया. हिंदू परिवारों की इस दरियादिली का नतीजा ये हुआ कि जिस पंचायत से मस्जिद के लिए जमीन नहीं मिल पाई. वो भी अब उन्हें धर्मशाला बनाने के लिए 10 बिस्वा जमीन देने पर राजी हो गई.
इलाके के मौलवी काजी मोहम्मद ने कहा कि बहुत खुशियां हैं, सारे इलाके के मुसलमानों को इस बात की बहुत खुशी है. वहीं रामपुर गुजरा गांव के मुखिया बलविंदर सिंह ने कहा कि बहुत बढ़िया काम किया है, बलबीर सिंह, रघुबीर सिंह, हरमेश सिंह, इन्होंने अपनी निजी जमीन मस्जिद के लिए दी है.
मस्जिद बनाने में लोग कर रहे मदद
गांव के दोनों हिंदू परिवार ने जो मिसाल कायम की. उसका नतीजा ये हुआ कि पंचायत से धर्मशाला के लिए जमीन मिली, तो मस्जिद बनाने के लिए गांव से अब कोई ईंट तो कोई सीमेंट देकर मदद कर रहा है.
(रिपोर्ट- बलवंत सिंह विक्की)