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History Behind Dry Day: ड्राई डे के दिन इसलिए नहीं बिकती है शराब, देश के इस नेता ने किया था सरकार और लोगों को इसके लिए जागरूक

हम अक्सर सुनते हैं कि ड्राई डे है इसलिए शराब नहीं मिलेगी या उस दिन देशभर में इसकी बिक्री नहीं होगी. हालांकि, कुछ ही लोग हैं जो इसके पीछे के इतिहास के बारे में जानते हैं. माना जाता है कि ड्राई डे की शुरुआत महात्मा गांधी की जयंती पर हुई थी. शराब को लेकर गांधी जी का रुख एकदम साफ था, इसी का सम्मान करने और जागरूकता लाने के लिए ड्राई डे शुरू हुआ.

ड्राई डे ड्राई डे
हाइलाइट्स
  • भारत में अलग अलग अवसरों पर होता है ड्राई डे

  • भारत ने दिया था वर्ल्ड नो अल्कोहल डे का सुझाव

क्या आप जानते हैं कि जिस दिन शराब नहीं बिकती उस दिन को ड्राई डे कहते हैं. सरकार हर 3 महीने में ड्राई डे की लिस्ट जारी करती है. इस दिन सभी ठेकों में शराब की बिक्री बंद होती है. ड्राई डे का मतलब है कि उस दिन देशभर में शराब की बिक्री पर रोक होगी. भारत में गणतंत्र दिवस के अलावा साल में कुछ दिन शराब बिकने पर प्रतिबंध लगाया जाता है. हालांकि, इसकी शुरुआत कब हुई और ये कब से शुरू किया जाने लगा इसे लेकर कई सारी रिपोर्ट्स हैं.

भारत ड्राई डे क्या होता है?

बताते चलें कि ड्राई डे वे दिन होते हैं जब सरकार किसी आयोजन या किसी विशेष दिन या चुनाव कराने के लिए दुकानों, बार, क्लबों और दूसरी जगहों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाती है. ड्राई डे के दिन शराब की बिक्री प्रतिबंधित होती है. पूरे साल में कुछ 20 या 21 दिन ड्राई डे होता है. राजधानी की बात करें तो दिल्ली में अब महाशिवरात्रि, रामनवमी और होली पर भी दुकानों पर शराब बिक्री पर पाबंदी रहेगी.

कब से हुई इसकी शुरुआत? 

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जाता है कि ड्राई डे की शुरुआत महात्मा गांधी की जयंती पर हुई थी. शराब को लेकर गांधी जी का रुख एकदम साफ था, इसी का सम्मान करने और जागरूकता लाने के लिए ड्राई डे शुरू हुआ. बता दें, महात्मा गांधी ने कई बार मादक पेय पदार्थों और अवैध नशीले पदार्थों की बिक्री पर अपनी आपत्ति व्यक्त की थी. यंग इंडिया के एक एडीशन में इस बात का जिक्र मिलता है. इसमें गांधी जी ने लिखा था, "शराब और नशीली दवाएं कई मामलों में मलेरिया और इसी तरह की बीमारियों की तुलना में बदतर है. ये ज्यादा नुकसान करती है. ये हमारे शरीर और आत्मा दोनों को नुकसान पहुंचाती है.” 

भारत में अलग अलग अवसरों पर होता है ड्राई डे

गौरतलब है कि भारत में कई अवसरों पर शराब पर प्रतिबंध रहती है. इसमें 2 अक्टूबर (गांधी जयंती), 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) सहित कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाश होते हैं जब ड्राई डे होता है. इसके अलावा, भारत में चुनाव के समय अक्सर ड्राई डे मनाया जाता है. कुछ त्योहार भी हैं जब शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

इतना ही नहीं बल्कि भारतीय संविधान में भी इसके बारे में नियम बनाया गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में लिखा है: "राज्य अपने लोगों के पोषण स्तर और जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए अपने प्राथमिक कर्तव्यों का पालन करेगी. राज्य नशीले पेय से बनने वाली दवाइयों को छोड़कर नशीले पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करेगा. साथ ही ऐसी दवाइयों पर भी जो इंसानों के लिए हानिकारक है. 

भारत ने दिया था वर्ल्ड नो अल्कोहल डे का सुझाव

भारत ने 2008 में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा में वर्ल्ड नो अल्कोहल डे का सुझाव दिया था. इसमें भारत ने 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती पर शराब निषेध दिवस मनाने का सुझाव दिया था. 11 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने इस सुझाव का समर्थन किया था. जिसके बाद से 2 अक्टूबर को वर्ड नो अल्कोहल डे के रूप में जाना जाता है.

दरअसल, ड्राई डे उन कई तरीकों में से एक हैं जिनसे राज्य शराब की खपत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, जिन्हें शराब पीनी होती है वे लोग ड्राई डे पर भी पीते हैं, इसका कारण रिवर्स साइकोलॉजी हो सकती है कि जिस काम का इंसान का न करने के लिए कहा जाता है, वह उसी का ज्यादा करता है.