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सोशल मीडिया पर आज कल एक चीज खूब वायरल होती है, और वो है हंसने गुदगुदाने वाले ‘मीम्स’. अक्सर हम सभी अपने खाली समय में सोशल मीडिया पर मीम्स पढ़ते हैं और दोस्तों में शेयर भी करते हैं. कभी किसी स्टार ने कुछ बोल दिया तो उस पर मीम्स, गानों पर मीम्स, फिल्म के प्रोमोशन के लिए मीम्स.
मीम बनाने वाले मीम मेकर के लिए ये आज कल बढ़िया कमाई का जरिया हो गया है. आईये जानते हैं मीम के इतिहास के बारे में जिसे शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा.
मीम क्या है
मीम यूनानी भाषा ‘मीमेमा’ से बना है जिसका मतलब है नकल उतारना. आज के समय में सोशल मीडिया पर लोग हंसी मजाक के तौर पर मीम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पहली बार कब हुआ इस शब्द का इस्तेमाल-
इंटरनेट पर सर्च करने पर ये पता चलता है कि मीम शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1976 में किया गया था. इस शब्द के जन्मदाता ब्रिटिश जीवविज्ञानी ‘रिचर्ड डॉकिंस’ माने जाते हैं. जानकारियों के मुताबिक रिचर्ड डॉकिंस ने मीम शब्द का इस्तेमाल अपनी किताब में किया था. इसका नाम ‘द सेल्फिश जीन’ है.
आगे चलकर साल 2009 में कार्लोस रामीरेज की ‘रेज कॉमिक्स’ नाम की एक बेब कॉमिक आई, किताब लोगों के बीच खूब फेमस हुई. इस किताब के किरदारों पर सोशल मीडिया पर मीम्स की शुरूआत कार्लोस ने ही की .
कौन थे कार्लोस?
कार्लोस को सोशल मीडिया पर मीम्स का जनक माना जाता है, इनके बनाए मीम्स सोशल मीडिया पर बेहद फेमस हुए हैं.