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History of Agra ka Petha: ताजमहल के कारण हुआ था आगरा के मशहूर पेठे का जन्म, बड़ा दिलचस्प है इतिहास

Agra Ka Petha: आगरा का पेठा दुनियाभर में मशहूर है. यहां सूखे पेठे के अलावा, अंगूरी पेठा, केसर पेठा और तो और पान पेठा भी बनाया जाता है. इस बार आगरा जाएं तो यह ऐतिहासिक मिठाई जरूर लेकर आएं.

History of Agra ka Petha History of Agra ka Petha
हाइलाइट्स
  • शाही रसोई में बना था आगरा का पेठा

  • मजदूरों की मांग पर बनी मिठाई 

आगरा की दो चीजें विश्वप्रसिद्ध हैं- पहली ताजमहल और दूसरी यहां का पेठा. दिलचस्प बात यह है कि ताजमहल और आगरा का पेठा, दोनों ही लगभग एक समय से असतित्व में हैं. जी हां, आगरा के पेठे का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि ताजमहल का. 

माना जाता है कि आगरा की बेहद मशहूर मिठाई, पेठा शाहजहां के शासन काल में पहली बार बनाई गई थी. आगरा का पेठा, सफेद कद्दू या पेठे से बनाया जाता है. यह स्क्विशी सफ़ेद भारतीय मिठाई केवल 3 सामग्रियों से बनाई जाने वाली सरल मिठाइयों में से एक है; फल, पानी और चीनी.

शाही रसोई में बना था आगरा का पेठा
ऐसा माना जाता है कि पेठा मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. ताज महल के निर्माण के समय बादशाह ने अपने रसोइयों को एक ऐसी मिठाई तैयार करने का आदेश दिया जो ताजमहल की तरह ही शुद्ध और सफेद दिखे. तब शाही रसोइये पेठे (सफ़ेद कद्दू) को टुकड़ों में काटते थे, उन्हें पानी में उबालते थे और फिर चीनी मिलाते थे. इस मिठाई को उन सभी मजदूरों को परोसा गया जो ताजमहल के निर्माण में लगे थे. कहते हैं कि मीठा खाकर मजदूरों को तुरंत एनर्जी मिली जिससे उनकी काम करने में मदद हुई. 

मजदूरों की मांग पर बनी मिठाई 
हालांकि, एक कहानी यह भी है ताज महल के निर्माण के दौरान, जो कथित तौर पर 22 वर्षों तक चला, मजदूरों ने मिठाई की मांग की. कहते हैं कि मजदूरों को रोटी और दाल के अलावा कुछ नहीं दिया जाता था. लेकिन मजदूर इससे ऊबने लगे और बीमार होने लगे. उन्हें कुछ और खाने की इच्छा हुई और उन्होंने बादशाह से इस इच्छा को पूरा करने का अनुरोध किया. तब शाहजहां ने अपने मास्टर आर्किटेक्ट, उस्ताद ईसा से मदद मांगीय इसके बाद ईसा एक पीर के पास गए, जिन्हें ध्यान करते समय पेठे की विधि प्राप्त हुई थी और उन्होंने वही विधि उन्हें बता दी. 

ओल का मुरब्बा
पेठा सिर्फ आगरा में ही नहीं बल्कि भारत के अन्य हिस्सों में भी अलग-अलग नामों से मशहूर है. झारखंड और बिहार में इसे ओल या ओल का मुरब्बा के नाम से जाना जाता है. यह पसंदीदा मिठाई इसलिए भी है क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ लंबी है, इसे चाशनी में भिगोकर 40 से 45 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है. अगली बार ताजमहल देखने आगरा जाएं तो आंगूरी पेठा खाना न भूले.