भारत और पाकिस्तान, एक ही तस्वीर के दो हिस्से हैं. दोनों देश भले ही कितने भी अलग हों लेकिन फिर भी बहुत कुछ है दोनों मुल्कों में जो जुड़ा हुआ है. लोगों का रहन-सहन, बोली-भाषा और खान-पान. जी हां, खाना एक ऐसी चीज है जो भारत-पाकिस्तान को जोड़ता है. बहुत सी ऐसी डिशेज हैं जो भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों में शौक से बनाई-खायी जाती हैं. इन डिशेज में से एक हैं- चिकन टिक्का मसाला, जो दोनों ही मुल्कों की मशहूर चिकन डिशेज में से एक है.
पिछले दिनों TasteAtlas नामक एक मैगजीन ने ‘50 best chicken dishes around the world’की लिस्ट में चिकन टिक्का मसाला को भी शामिल किया है. पर भारत-पाकिस्तान के लोग इस लिस्ट को देखकर चौंक गए और इसकी वजह है डिश के नाम से साथ छपा देश का झंडा, जो न भारत का झंडा है और न ही पाकिस्तान का. आपको जानकर शायद हैरानी हो लेकिन यह झंडा था युनाइडेड किंगडम का.
और अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि चिकन टिक्का मसाला ब्रिटिश डिश कैसे हो सकती है? आज दस्तरखान में हम आपको बता रहे हैं कहानी चिकन टिक्का मसाला की. क्या वाकई ब्रिटिश लोगों ने यह डिश बनाई? अगर नहीं, तो यह यूके में इतनी फेमस क्यों है?
कहानी शुरू हुई 'टिक्का' के साथ
चिकन टिक्का मसाला का तंदूर के साथ गहरा रिश्ता है. और तंदूर की बाद करें तो तंदूर का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है. भारत में तंदूर ईरान से आया है और इसके बाद भारत का क्यूजीन काफी ज्यादा बदल गया. अब सवाल है कि चिकन टिक्का की कहानी कैसे शुरू हुई. इस बारे में मशहूर शेफ और लेखक, सदफ हुसैन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया था कि ''टिक्का' मतलब पीस यानी 'बाइट के साइज' का मीट मुगल सुल्तान बाबर के साथ भारतीय महाद्वीप पहुंचा था.
चिकन खाते समय लोगों के हड्डी खाने से उनकी मौत का खतरा था इसलिए चिकन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इन्हें मसालों के साथ मेरिनेट करते हैं और फिर तंदूर पर भूनते हैं. बताते हैं कि भारत में चिकन टिक्का का इतिहास 16वीं शताब्दी से है. हालांकि, तब चिकन टिक्का बनाने के तरीके और और चिकन टिक्का बनाने के तरीके में काफी अंतर हो.
आज चिकन टिक्का मसाला की उत्पत्ति को लेकर कई किस्से हैं. फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 'मोतीमहल'रेस्टोरेंट चेन के हेड, मोनीश गुजराल का दावा है कि पंजाब में उनके दादा देश के बंटवारे के पहले से यह डिश लोगों को खिला रहे थे. इसके अलावा भी चिकन टिक्का से जुड़ी एक और कहानी है.
पाकिस्तानी माइग्रेंट ने बनाई डिश
चिकन टिक्का मसाला से जुड़ा एक और किस्सा है जिसे सबसे ज्यादा प्रमाणिक माना जाता है और सह किस्सा पाकिस्तान और यूके दोनों से जुड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कॉटलैंड के ग्लासगो में पाकिस्तानी मूल के शेफ अली अहमद असलम ने दावा किया था कि उन्होंने दुनिया का पहला चिकन टिक्का मसाला बनाया था. दिसंबर 2022 में असलम का निधन हो गया.
2009 के एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि उन्होंने 1972 में ग्लासगो में अपने रेस्तरां शीश महल में इस पकवान का आविष्कार किया था. दरअसल, उन्होंने चिकन टिक्का एक ब्रिटिश ग्राहक को परोसा और उस ग्राहक ने उनसे कहा कि उनकी यह डिश बहुत ज्यादा ड्राई है.
बचपन में पाकिस्तान से आकर बसने वाले असलम ने एएफपी को बताया कि ग्राहक को चिकन टिक्का के साथ सॉस चाहिए था लेकिन उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर काम किया. असलम ने चिकन को दही-बेस्ड टमाटर की ग्रेवी में डाल दिया. और यहां से चिकन टिक्का मसाला का जन्म हुआ.
कैसे बना इंग्लैंड की नेशनल डिश
इसके तुरंत बाद, चिकन टिक्का मसाला ज्यादातर ब्रिटिश रेस्टोरेंट्स में फेमस हो गया. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 2001 में, ब्रिटेन के पसंदीदा व्यंजनों की सूची में मछली और चिप्स के साथ चिकन टिक्का मसाला का भी नाम यसामिल थी. उस समय यूके के स्वर्गीय विदेशी मंत्री, रॉबिन कुक ने चिकन टिक्का मसाला को सही मायनों में ब्रिटिश नेशनल डिश बताया.
उन्होंने कहा कि चिकन टिक्का मसाला नेशनल डिश सिर्फ इसलिए नहीं है कि यह सबसे पॉपुलर है, बल्कि इसलिए भी है कि यह दर्शाता है कि ब्रिटेन बाहरी प्रभावों के हिसाब से खुद को एडैप्ट कर लेता है. जैसे भारत के चिकन टिक्का को ब्रिटेन ने सॉस या ग्रेवी के साथ अपना लिया.