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History of Pizza: 200 साल से भी ज्यादा पुराना है पिज़्ज़ा का इतिहास, जानिए कैसे ग्लोबल बन गई इटली की यह डिश

History of Pizza: आज दस्तरखान में हम आपको बता रहे हैं पिज़्जा की कहानी. आखिर कैसे इटली से होता हुआ पिज़्ज़ा भारत पहुंचा और अब यहां के रंग-ढंग में रच-बस गया है?

History of Pizza History of Pizza
हाइलाइट्स
  • इटली में पहली बार बना पिज़्जा

  • भारत में पहुंचा पिज़्ज़ा का ट्रेंड 

बच्चों से लेकर बड़ों तक, शायद ही कोई होगा जिसे पिज़्ज़ा (Pizza) पसंद न हो. जब भी कुछ अच्छा होता है तो सबसे पहले पिज़्ज़ा पार्टी की जाती है. पिज़्ज़ा दुनियाभर में इतना पॉपुलर है कि हर एक देश में आपको वहां के लोकल टेस्ट के मुताबिक अलग-अलग पिज़्ज़ा टाइप मिलेंगे. शायद इसलिए ही हर साल एक दिन सिर्फ पिज़्ज़ा को समर्पित किया गया है. जी हां, हर साल 9 फरवरी को World Pizza Day मनाया जाता है. 

पिज़्ज़ा की पॉपुलैरिटी को देखकर क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर यह डिश बनी कैसे और किसने बनाई? हमें सिर्फ यह पता है कि इसकी जड़ें इटली से जुड़ी हैं लेकिन कैसे यह दुनियाभर में पहुंच गया इस बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे. इसलिए आज दस्तरखान में हम आपको बता रहे हैं पिज़्ज़ा की कहानी. 

क्या वाकई इटली में पहली बार बना पिज़्जा
पिज़्जा की उत्पत्ति को लेकर सबसे पॉपुलर फैक्ट यही है कि यह इटली में जन्मा. लेकिन कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना ​​है कि यूनानी, रोमन और मिस्रवासी पहले से ही पिज़्ज़ा के समान व्यंजन बना रहे थे. कुछ प्राचीन अभिलेखों के अनुसार, फारसियों ने पनीर और विभिन्न टॉपिंग के साथ फ्लैटब्रेड पकाया, जैसे आज पारंपरिक पिज्जा बनाया जाता है. लेकिन पिज़्ज़ा, जिसे कि हम आज जानते हैं, सबसे पहले 18वीं सदी के नेपल्स में बनाया गया था. बॉर्बन राजाओं के शासन के दौरान, नेपल्स यूरोप के सबसे बड़े और तेजी से विस्तार करने वाले शहरों में से एक बन गया. 

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समुद्री व्यापार और ग्रामीण निवासियों के निरंतर पलायन से, इसकी जनसंख्या साल 1700 में 200,000 से बढ़कर 1748 तक 399,000 हो गई. सबसे ज्यादा गरीबों में लज़्ज़रोनी (Lazzaroni) थे. यह समूह कुली, संदेशवाहक और दिहाड़ी मजदूरों जैसी नौकरियों पर जीवन-निर्वाह करता था. उन्हें ऐसी जीविका की जरूरत थी जो सस्ती और सुविधाजनक दोनों हो और इसी तरह पिज़्ज़ा का जन्म हुआ - इस ज़रूरत का समाधान. दुकानों में खुदरा बिक्री के बजाय, ये पिज्जा सड़क पर फेरीवालों के यहां मिलते थे. विक्रेता हर एक ग्राहक के बजट और भूख के अनुरूप पिज्जा के टुकड़े करके बेचते थे. हालांकि, 18वीं सदी के नेपल्स में, पिज़्ज़ा को हाई क्लास के लोग हीन भावना से देखते थे. उन्हें लगता था कि यह गरीबों का खाना है. तो, पिज़्ज़ा आज इतना पॉपुलर कैसे हुआ? 

दरअसल, 1889 में नेपल्स की यात्रा के दौरान, राजा अम्बर्टो प्रथम और रानी मार्गेरिटा अपने फ्रांसीसी खाने से ऊब गए थे. उन्होंने एक स्थानीय पिज़्ज़ा निर्माता, रैफ़ेल एस्पोसिटो से उनके लिए कुछ लोकल व्यंजन बनाने के लिए कहा. रैफ़ेल ने तीन प्रकार के पिज़्ज़ा बनाए: एक लार्ड, पनीर और बेसिल के साथ; दूसरा छोटी मछली वाला; और तीसरा एक तिहाई टमाटर, मोज़ेरेला चीज़ और बेसिल के साथ. रानी को तीसरा सबसे ज्यादा पसंद आया और उन्होंने रानी के नाम पर इसका नाम "पिज्जा मार्गेरिटा" रखा. कहते हैं कि इसके बाद पिज़्ज़ा की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी. 

भारत में कैसे पहुंचा पिज़्ज़ा का ट्रेंड 
वैसे तो भारत में पिज़्ज़ा को पॉपुलर होने का श्रेय Domino's और Pizza Hut को दिया जाता है. लेकिन इन फूड चेन्स के भारतीय बाज़ार में आने से पहले से ही पिज़्ज़ा पूरे भारत में खाया जाता था. हालांकि आज की तुलना में पहले यह बहुत कम खाया जाता था. बताते हैं कि डॉन जियोवन्नी नामक एक लोकल पिज़्ज़ा चेन ने बड़ी अमेरिकी फूड चेन्स के आने से पहले 1990 के दशक के मध्य में भारतीयों को पिज़्ज़ा परोसना शुरू किया था, और यहां तक ​​कि वे होम डिलीवरी भी करते थे. लेकिन यह कुछ लोगों तक ही सीमित था. 

अगर आप 1990 के दशक के दौरान नई दिल्ली में रहते थे, तो आपने Nirula's से भी पिज़्ज़ा खाया हो सकता है. यह पहली भारतीय फास्ट फूड चेन्स में से एक है, जो बर्गर, मिल्कशेक और पिज़्ज़ा जैसे पश्चिमी शैली के पसंदीदा व्यंजनों में पॉपुलर है. निरूलाज़ ने 1970 के दशक में फास्ट-फूड परोसना शुरू किया और 90 के दशक में पिज़्ज़ा व्यवसाय में कदम रखा. इस जमाने में, पिज़्ज़ा ज्यादातर छोटी बेकरियों में मिलता था और इसे छोटे भागों में परोसा जाता था. लेकिन साल 1996 में डोमीनोज़ और फिर पिज़्ज़ा हट के आने के बाद तस्वीर एकदम बदल गई. 

आपको बता दें कि पिज़्ज़ा के सफर में भारत ने भी अपना योगदान दिया है. माना जाता है कि पिज़्ज़ा की कुछ प्रमुख इंग्रेडिएंट्स, जैसे मोज़रेला चीज़ और बेसिल, की उत्पत्ति भी भारत में हुई है. आज, पिज़्ज़ा पूरी तरह से भारतीयों के जीवन का हिस्सा बन चुका है. यह बड़ी घरेलू भारतीय पिज़्ज़ा चेन्स के साथ-साथ छोटे स्ट्रीट फूड सेलर्स में भी पाया जा सकता है.