अपने दोस्तों को अगर कभी कुछ गिफ्ट करना हो तो हजारों चीजें हैं मार्किट में. लेकिन सॉफ्ट टॉयज़ की बात ही कुछ और है. अगर किसी को खास दिन पर कुछ देना हो तो सबसे पहले दिमाग में छोटा-सा बुके और प्यारा-सा टेडी बीयर ही दिमाग में आता है.
बहुत बार तो बच्चे क्या बड़ों के लिए भी टेडी बीयर उनके साथी हो जाते हैं. कॉलेज में एक बार हमने अपनी सबसे क्यूट दोस्त को क्यूट-सा टेडी बीयर दिया और नाम रख दिया भोलू. इसके बाद जब भी मन जरा-सा उदास होता तो उसके कमरे में जाकर भोलू को गले लगा लेते थे और बस मन अपने आप खुश.
गिफ्ट से लेकर सजावटी आइटम्स तक, हर जगह टेडी बीयर शामिल होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि गोल-मटोल दिखने वाले इस खिलौने का नाम ‘टेडी बीयर’ क्यों पड़ा? अब ‘बीयर’ तो फिर भी लोगों को समझ में आता है कि यह दिखने में ‘भालू’ जैसा है इसलिए लेकिन ‘टेडी’ का क्या मतलब है.
इस सवाल का जवाब जानकर आप हैरान रह जायेंगे. क्योंकि ‘टेडी’ नाम अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति के नाम पर इसे मिला है. और उन्हीं की मंजूरी के बाद 15 फरवरी 1903 को दुनिया में पहली बार इस नाम से दो सॉफ्ट टॉयज़ बेचे गए थे. यह कहानी बड़ी ही दिलचस्प है जो शायद बहुत ही कम लोगों को पता है. लेकिन आज गुड न्यूज़ टुडे पर जानिए ‘टेडी बीयर' के अस्तित्व में आने की कहानी.
राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट से जुड़ा है किस्सा:
टेडी बीयर की उत्पत्ति का संबंध अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट से जुड़ा हुआ है. रूजवेल्ट को उनके निकनेम ‘टेडी’ के जाना जाता है. उन्हीं के नाम पर भालू जैसे दिखने वाले इस सॉफ्ट टॉय को ‘टेडी बीयर’ नाम दिया गया.
साल 1901 में वह संयुक्त राज्य अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति बने. रूजवेल्ट प्रकृति से प्रेम था और वह अक्सर जंगलों को एक्सप्लोर किया करते थे. उन्होंने अपने कार्यकाल में 200 मिलियन एकड़ से अधिक पब्लिक लैंड को बचाया. उनके प्रयासों से ही यू.एस. वन सेवा की शुरुआत हुई. साथ ही उन्होंने पांच राष्ट्रीय उद्यान भी बनवाए.
भालू का शिकार करने से किया इंकार:
अब हुआ यूं कि साल 1902 में 14 नवंबर को मिसिसिपी राज्य के गवर्नर एंड्रू एच लॉन्गिनो के निमंत्रण पर थियोडोर रूजवेल्ट शिकार के लिए गए थे. उस समय रूजवेल्ट के असिस्टेंट हॉल्ट कॉलियर भी उनके साथ थे.
लेकिन शिकार के दौरान वह एक भी भालू का शिकार नहीं कर पाए. यह देख उनके असिस्टेंट ने एक काले भालू को पकड़कर पेड़ से बंधवा दिया और रूजवेल्ट से उसे शूट करने के लिया कहा गया. लेकिन रूजवेल्ट को यह बिल्कुल सही नहीं लगा. उन्होंने भालू को शूट करने से इंकार कर दिया और उस मासूम जानवर को जंगल में छोड़ दिया गया.
इस घटना के बारे में बहुत से अखबारों में छपा और उन दिनों के मशहूर पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट, क्लिफोर्ड बेरीमैन ने इसे कार्टून का रूप दे दिया. यह कार्टून 16 नवंबर 1902 को वाशिंगटन पोस्ट अखबार में छपा.
कार्टून से मिली प्रेरणा:
इस कार्टून के अख़बार में छपने के बाद लोगों को अपने राष्ट्रपति की उदारता के बारे में पता चला. उन दिनों ब्रुकलिन में मॉरिश मिख्टॉम नामक एक शख्स अपनी पत्नी के साथ मिलकर कैंडी की दूकान चलाते थे. उन्होंने जब इस कार्टून को देखा तो उनका मन रूजवेल्ट के प्रति कृतज्ञता से भर गया. और उन्होंने अपने राष्ट्रपति को समर्पित करते हुए भालू जैसा दिखने वाला सॉफ्ट टॉय बनाया और अपनी दुकान में रखा. उन्होंने इसके साथ लिखा ‘Teddy’s Bear.’
लोगों को यह पसंद आने लगा तो मिख्टॉम ने राष्ट्रपति रूजवेल्ट को चिट्ठी लिखकर अनुमति मांगी कि क्या वह अपने सॉफ्ट टॉयज़ को उनका नाम ‘टेडी’ दे सकते हैं? रूजवेल्ट ने इसके लिए ‘हां’ कर दी. बताया जाता है कि इसके बाद मिख्टॉम ने रूजवेल्ट के बच्चों को टेडी बीयर गिफ्ट किए.
अब दुनिया भर में बिकते हैं टेडी बीयर:
उस समय मिख्टॉम और रूजवेल्ट ने कभी नहीं सोचा होगा कि टेडी बीयर दुनिया भर में मशहूर हो जाएगा. यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए खेलने, सजाने या गिफ्ट करने की चीज बन जाएगा. आज हर जगह आप छोटे आकर से लेकर बड़े आकार के, अलग-अलग रंगों में, अलग-अलग तरह के टेडी बीयर खरीद सकते हैं.
हालांकि सोचने की बात है कि अगर रूजवेल्ट उस शिकार पर न जाते तो क्या टेडी बीयर कभी अस्तित्व में नहीं आता या इसका नाम कुछ और होता?