
होली के त्यौहार पर गुजिया की मिठास न हो तो हर रंग फीका सा लगता है. होली पर हर तरीके की मिठाई बनाई जाती है, लेकिन गुजिया का स्वाद कुछ अलग ही होता है. खासकर उत्तर भारत के अलग-अलग बाजारों में आपको अलग-अलग तरह की गुजिया खाने को मिलेगी. इस बार लखनऊ में बनी 'महाकुंभ गुजिया' ने होली पर धूम मचा दी है. इस गुजिया का स्वाद और साइज दोनों बेमिसाल हैं.
महाकुंभ गुजिया की खासियत
इस महाकुंभ गुजिया की खासियत यह है कि इसे संगम नगरी प्रयागराज की थीम पर बनाया गया है. इसमें अलग-अलग रंग की चाशनी से गंगा-यमुना और संगम को दिखाने की कोशिश की गई है. गुजिया को महासंगम घाट का प्रतीक दिया गया है, जिसमें यमुना घाट, गंगा घाट और संगम को दर्शाया गया है.
वहीं, गुजिया के स्वाद की बात करें तो इसे चखने वाले इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहे हैं. एक ग्राहक ने कहा कि महाकुंभ गुजिया के स्वाद का कोई जवाब ही नहीं है. जिसे भी इसके बारे में पता चल रहा है वह इसका स्वाद लेने जा रहा है. वैसे भी लखनऊ अपने लज़ीज़ व्यंजनों के लिए जाना जाता है.
होली की पहचान है गुजिया
होली के मौके पर कई तरह के पकवान बनाए और खिलाए जाते हैं, लेकिन गुजिया होली की पहचान बन चुकी है. हर बार बाजार में गुजिया का अलग और अनोखा रूप दिखता है. और लखनऊ ने तो इस महाकुंभ गुजिया के साथ इसे और खास बना दिया है.
इस दुकान में होली के अवसर पर हर साल कई प्रकार की गुजिया बनाई जाती है, जो लोगों को काफी पसंद आती है. यहां हर किसी की जेब के हिसाब से गुजिया की काफी वैरायटी उपलब्ध है. इस गुजिया की खासियत को देखते हुए इसे खरीदने वालों के साथ-साथ देखने वालों का भी तांता लगा हुआ है.
होली पर लोग सामान्य मावा की गुजिया के अलावा अब ड्राई फ्रूट्स, चॉकलेट और कई अलग-अलग तरह की स्टफिंग वाली गुजिया बनाते हैं. घरों में तो हफ्ताभर पहले से ही महिलाएं गुजिया बनाना शुरू कर देती हैं ताकि नाते-रिश्तेदारों के यहां भिजवा सकें. बाजारों में भी होली आने के काफी पहले ही गुजिया मिलनी शुरू हो जाती हैं.