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Eco-Friendly Home Tips: इन टिप्स को अपनाकर घर को बना सकते हैं इको-फ्रेंडली, फिर बिजली भी बचेगी और पानी भी

Sustainable Lifestyle: अगर आप एक सस्टेनेबल जिंदगी जीना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत अपने घर से करें. अपने घर में और रहन-सहन में छोटे-छोटे सकारात्मक बदलाव लेकर आएं.

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हाइलाइट्स
  • घर बनवाते समय रखें वेंटिलेशन का ध्यान

  • क्लीन एनर्जी में करें निवेश

आजकल बहुत से लोग सस्टेनेबल लाइफ की बात करते हैं. लेकिन सवाल है कि आखिर इसका मतलब क्या है? दरअसल, सस्टेनेबिलिटी कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है. सस्टेनेबल लाइफस्टाइल से मतलब ऐसी जिंदगी जीने से है जिसमें आप जीवन के हर पहलू में प्रकृति को ध्यान में रखकर कदम उठाते हैं. इसमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से लेकर शारीरिक व मानसिक तौर से स्वस्थ जीवन जीना शामिल है. 

अब सवाल है कि आप सस्टेनेबल लाइफ की शुरुआत करें कैसे? इसका जवाब हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है. क्योंकि हर किसी को अपने परिवेश के हिसाब से जीवन को ढालना होगा. हालांकि, इसकी शुरुआत सबसे पहले आपसे और आपके घर से होती है. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिन्हें अपनाकर आप अपने घर को इको-फ्रेंडली बना सकते हैं और सस्टेनेबल जीवन की शुरुआत कर सकते हैं. 

1. घर बनवाते समय इन बातों पर दें ध्यान:
अपना घर बनाना हर किसी के लिए सपना होता है. इसलिए जब भी इस सपने को पूरा करने का मौका मिले तो आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. घर बनाते समय आपको घर के लेआउट में आंगन, गार्डन- रूफटॉप, वर्टिकल आदि जरूर शामिल करना चाहिए. इसके अलावा, वेंटिलेशन पर पूरा-पूरा ध्यान दें. इस तरह आप अपने घर के अंदर के तापमान को बाहर के तापमान से कम से कम 2-3 डिग्री तक कम कर सकते हैं. 

2. अपनाएं स्वच्छ ऊर्जा:
हम सब जानते हैं कि देश में बिजली के लिए कोयले पर निर्भरता है और इसे बनाने की प्रोसेस में बहुत कार्बन एमिशन होता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि देश में ज्यादा से ज्यादा क्लीन एनर्जी यानी स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प अपनाएं जाएं. इसकी शुरुआत आप घर में विंड या सोलर प्लांट लगवाकर कर सकते हैं. इससे आप पर्यावरण को भी बचाएंगे और बिजली बिल में जाने वाले आपके पैसों की बचत होगी. 

3. रेनवाटर हार्वेस्टिंग है बेहद जरूरी:
आप अपने घर में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी जरूर लगवाएं. इससे आप न सिर्फ अपना बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बचाने में भी मदद करेंगे. इसके लिए आप अलग-अलग तरह के सिस्टम लगवा सकते हैं. बारिश का पानी सहेजें और इसे ट्रीट करके इस्तेमाल करने से आप काफी मात्रा में पानी की बचत कर सकेंगे. 

4. केमिकल्स का इस्तेमाल हो बंद:
आजकल सबसे बड़ी समस्या हैं हानिकारक केमिकल्स जो आपको घर की साफ-सफाई के उत्पादों से लेकर अपने पर्सनल इस्तेमाल के प्रॉडक्ट्स जैसे साबुन, शैम्पु में भी मिलेंगे. इसलिए जितना हो सके प्राकृतिक प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें. आपको शायद पता न हो लेकिन आप रीठा का उपयोग सिर्फ बाल नहीं बल्कि कपड़े धोने के लिए भी कर सकते हैं. फलों के छिलकों से आप घर-बाथरूम की सफाई के लिए बायोएंजाइम बना सकते हैं. बाजार में भी बहुत सी कंपनियां ऑर्गनिक प्रोडक्ट्स उपलब्ध करा रही हैं जो आप चुन सकते हैं.  

5. घर से बाहर न जाए कचरा:
घरो से निकले वाला कचरा बहुत बड़ा कारण है कि आज प्रदूषण इतना बढ़ रहा है. इसलिए कोशिश करें कि आप किसी भी तरह के कचरे को प्रकृति में न जाने दे. रसोई से निकलने वाले कचरे जैसे फल-सब्जी के छिलके, चायपत्ती आदि को आप खाद बनाने के लिए इस्तेमाल करें. यह ऑर्गनिक खाद आपके गार्डन के लिए जादू का काम करेगी. वहीं, सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक, ग्लास आदि को भी ज्यादा से ज्यादा रिसायक्लिंग के लिए देने की कोशिश करें.