अगर खेत में पराली जलाई तो किसानों को मिलने वाली कृषि विभाग से समस्त सम्मान निधि समाप्त कर दी जाएगी. दरअसल, पराली वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है, जिसको लेकर सरकार काफी सख्त है. बता दें, इसमें एफआईआर तो नहीं होती है लेकिन जुर्माना 1 एकड़ तक ढाई हजार रुपए और 1 एकड़ से ऊपर होने पर 5000 तक का जुर्माना लगाया जाता है.
अब लोग हो रहे हैं जागरूक
इस मामले में डिप्टी डायरेक्टर कृषि अरविंद सिंह ने बताया कि पराली को लेकर लगातार शिकायतें आती थीं, लेकिन सेटेलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर एक्शन लेने से पिछले वर्ष लगभग 23 मामले आए थे. जबकि इस साल केवल एक मामला आया है इसका मतलब है लोग अब जागरूक हो रहे हैं.
बताते चलें कि पूर्वांचल में सर्दी ने दस्तक दे दी है. सूरज ढलने के बाद रात होते ही कोहरा गिरने लग रहा है. हवा की रफ्तार भी धीमी है, महज एक हफ्ते में जब एमएमयूटी परिसर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण स्वचालित मशीन से उसका आकलन किया तो एयर क्वालिटी इंडेक्स से पता चला की दीपावली के बाद हवा में प्रदूषण कम हुआ है.
डिप्टी डायरेक्टर कृषि अरविंद सिंह कहते हैं कि पिछले वर्ष पराली जलाने के 23 मामले सामने आए थे. इस साल केवल एक मामला आया है यानी कि लोगों के मन में कहीं ना कहीं जुर्माने का लेकर खौफ है. साथ ही कृषि विभाग से मिलने वाली नीतियों का जो उनके हाथों से छीन जाएंगी तो वाकई किसान भी बेबस हो जाएगा शायद इसी वजह से इस बार मामले नहीं के बराबर है.
(गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट)