
इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति एक ऐसे शख्स है जो अपने विवादित बयाने को लेकर काफी सुर्खियों में रहें है. उन्होंने समय-समय पर ऐसे विवादित बयान दिए हैं, जिनको लेकर लोगों ने उनको लेकर अपनी निंदनीय प्रतिक्रिया जाहिर की है. चलिए आपकों उनके कुछ विवादित बयानों के बारे में बताते हैं.
1. बच्चों की पढ़ाई की तरफ माता-पिता की जिम्मेदारी
बेंगलुरु में कंसेप्चुअल फिजिक्ज्स के 13वें एडिशन के लॉन्च पर उन्होंने माता-पिता के व्यवहार को बच्चे की आदत से जोड़कर बताया. यहां उन्होंने बताया था कि माता-पिता की कितनी अहम भूमिका होती है, एक बच्चे के किरदार को उभारने में. वे कहते हैं कि कुछ माता-पिता अपने लिए तो एंटरटेनमेंट देखते हैं पर बच्चे को पढ़ाई की तरफ ढकेलते हैं.
जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. माता-पिता की कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए. अगर वे बच्चे को पढ़ाई की तरफ जोर देते हैं, तो जरूरी है कि वे खुद भी एक अकादमिक कल्चर में रहें. जिससे बच्चा उनसे सीख ले सके और खुद भी पढ़ाई की तरफ उसका रूझान बने.
2. कोचिंग क्लास कल्चर के खिलाफ विचार
कोटा, राजस्थान जिसको कोचिंग का हब माना जाता है. मूर्ति उनके ऊपर सवाल उठाते है. कोटा में सुसाइड रेट काफी ज्यादा है. मूर्ति का कहना है कि कोचिंग क्लास बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाने का सॉल्यूशन नहीं है. ऐसा उन्होंने बेंगलुरु में एक पुस्तक के विमोचन पर कहा.
उनका कहना है कि छात्र रेगुलर स्कूल को हल्के में लेते हैं और उनके माता-पिता उन्हें एक बेहतर अकादमिक कल्चर देने में असमर्थ हैं. जिसके कारण बच्चों को कोचिंग सेंटर का रुख करना पड़ता है.
3. हफ्ते में 70 घंटे करें काम
नारायण मूर्ति का यह बयान काफी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा था कि कर्मियों को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए. उनका कहना था कि ऐसा करने से हम अपनी प्रॉडक्टीविटी बढ़ा सकेंगे और अन्य देशों के मुकाबले उनको टक्कर दे सकेंगे. उन्होंने पॉडकास्ट में कहा कि मेरी युवाओं से रिक्वेस्ट है कि वह कहें कि यह मेरा देश है और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहता हूं.
4. इंफोसिस में हाइक को लेकर बवाल
2017 में इंफोसिस के COO प्रविन राव की हाइक को लेकर मूर्ति ने कहा कि इतनी हाइक गलत है. उनका कहना था कि इस तरह के फैसले एक आम एम्पलॉय और बड़े पद पर काम कर रहे एम्पलॉय के बीच मतभेद पैदा कर सकता है. मूर्ति का कहना था कि कॉर्पोरेट कंपनी में बराबरी होनी चाहिए.
5. वर्क फ्रॉम होम के खिलाफ विचार
कोविड के दौरान जब दुनिया रिमोट वर्क कर रही थी. उस दौरान मूर्ति ने कहा कि मैं इस प्रकार के काम से बिलकुल खुश नहीं हूं. लोग ऐसा करने 'मूनलाइट' के जाल में फंस जाते हैं. मैं ऑफिस आकर ही काम करूंगा. जहां कुछ लोगों ने उनके इस मत को समर्थन दिया जो वहीं कुछ का कहना था कि यह प्रोडक्टिविटी बढ़ाता है. लोगों का समर में तय होने वाला समय गवां होने से बचता है.