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Jyotiraditya Scindia Jai Vilas Palace Jhumar: 140 साल पुराना है सिंधिया के महल का झूमर, जिसे निहारते रहे उपराष्ट्रपति और CM, जानिए झूमर से जुड़ी

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) के शाही महल में एक विशाल झूमर (Jhoomar in Jai Vilas Palace) लगा हुआ है. इस झूमर को इस महल की शान कहा जाता है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) भी इसके आकर्षण को देखते ही रह गए.

Asia Largest Jhumar in Jaivilas Palace Gwalior (Photo Credit: PTI) Asia Largest Jhumar in Jaivilas Palace Gwalior (Photo Credit: PTI)
हाइलाइट्स
  • सिंधिया महल ग्वालियर में है

  • इस महल में एशिया का सबसे बड़ा झूमर है

बीते दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ग्वालियर पहुंचे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके बाद वॉइस प्रेसीडेंट जगदीप धनखड़ केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) के शाही पैलेस में पहुंचे.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी मौजूद रहे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने परिवार के साथ जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace Gwalior) में सभी का स्वागत किया.

उपराष्ट्रपति समेत सभी मेहमानों ने शाही पैलेस में लंच किया. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी मेहमानों के गाइड बने. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ महल के झूमर को एकटक देखते रहे. केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस झूमर की दिलचस्प कहानी भी बताई. आइए इस झूमर के बारे में जानते हैं.

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एशिया का सबसे बड़ा झूमर
ये झूमर ग्वालियर के जय विलास पैलेस में है. जय विलास पैलेस में लगा ये झूमर एशिया का सबसे बड़ा झूमर है. ये झूमर इस महल का सबसे बड़ा आकर्षण है. इस झूमर की सुंदरता देख लोग अवाक रह जाते हैं.

झूमर लगने की कहानी
ये झूमर सिंधिया महल (Scindia Mahal Jhumar) की शान है. महल में इस तरह के दो झूमर लगे हुए हैं. एक झूमर का वजन लगभग 3500 किलो है. इस झूमर के लगने के पीछे एक कहानी है. इस झूमर को जब महल में टांगा जा रहा था. उससे पहले छात की मजबूत को चेक किया जाना था क्योंकि झूमर काफी वजनी था.

Jaivilas Palace Jhumar

छत की मजबूती जांच करने के लिए 8 हाथियों को चढ़ाया गया. 8 हाथी चढ़े होने के बावजूद छत को कुछ नहीं हुआ. कुछ दिन तक हाथियों के साथ ऐसा ही किया गया. हाथी छत पर चढ़े रहे. उसके बाद ही झूमरों को महल में टांगा गया.

4500 करोड़ का महल
जय विलास पैलेस ग्वालियर ही नहीं मध्य प्रदेश की शान है. इस महल को 1874 में महराजा जीवाजीराव सिंधिया ने बनवाया था. उस समय इस महल को 1 करोड़ में बनवाया था. आज उस महल की कीमत 4500 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है.

ग्वालियर के इस महल में 400 से ज्यादा कमरे हैं. महल के कुछ हिस्से को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने 1964 में म्यूजियम में तब्दील कर दिया. इस म्यूजियम को जीवाजीराव म्यूजियम सिंधिया म्यूजियम के नाम से जाना जाता है. पर्यटक टिकट लेकर इस म्यूजियम को देख सकते हैं.