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Japan Bank Policy: बैंक से की चोरी तो करनी होगी सुसाइड! जापान का बैंक लाया कर्मचारियों के लिए नई पॉलिसी, जानकर पकड़ लेंगे सिर

जापान के एक बैंक ने करप्शन से लड़ने के लिए 'जानलेवा' तरीका अपनाया है. बैंक की नई पॉलिसी के अनुसार अगर कोई कर्मचारी गबन करता पाया जाता है तो उसे आत्महत्या करनी होगी.

Representational Image (Unsplash/Seiya Maeda) Representational Image (Unsplash/Seiya Maeda)

जापान अपनी अनोखी नीतियों, एडवांस्ड तकनीत और मजबूत वर्क एथिक के लिए दुनिया में पहचाना जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले इस देश से अब एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने एक बार फिर बाकी दुनिया को चौंका दिया है. जापान के एक बैंक ने नियम बनाया है कि अगर कोई कर्मचारी बैंक से गबन करता पाया जाता है तो उसे सुसाइड यानी आत्महत्या करनी होगी.

बैंक ने अपने कर्मचारियों से इस शर्त (Japan Bank Suicide Policy) के साथ एक बॉन्ड पर साइन करवाया है. सोशल मीडिया पर इसकी खबर वायरल होते ही इस बॉन्ड का जमकर विरोध होने लगा है. 

क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट के अनुसार, शिकोकू बैंक (Shikoku Bank) ने अपने कर्मचारियों से यह शपथ पत्र साइन करवाया है कि अगर वे बैंक के धन का गबन करते हैं या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल पाए जाते हैं, तो उन्हें आत्महत्या करनी होगी. इस अजीब पॉलिसी को बैंक के 23 कर्मचारियों ने खून से साइन किया है. 

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बैंक के अनुसार, यह नीति बैंक की कामों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है. बैंक ने इसे अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के प्रति जिम्मेदारी और समर्पण का प्रतीक बताया है. लेकिन सोशल मीडिया से बैंक को तीखे हमलों का सामना करना पड़ रहा है. 

क्या है ‘सेप्पुकु’?
बैंक के बॉन्ड में 'सेप्पुकु' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. इसे हारा-किरी (Hara-Kiri) भी कहा जाता है. यह जापान की एक प्राचीन समुराई रस्म है. इसमें व्यक्ति पेट में अपनी तलवार मारकर अपनी जान ले लेता है. पहले के समय में समुराई योद्धा अपनी बड़ी गलतियों की भरपाई करने के लिए सेप्पुकु करते थे. वे अपने और अपने क्लैन के सम्मान के लिए यह कदम उठाते थे. 

बैंक की इस पॉलिसी पर उठ रहे सवाल 
बैंक की इस अजीबो-गरीब नीति पर लोगों के बीच जबरदस्त बहस छिड़ गई है. कई लोग इसे अमानवीय और मानवाधिकारों के खिलाफ मान रहे है, तो वहीं कुछ लोग इसे जापान के कठोर वर्क एथिक से जोड़ रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि ऐसे नियम कर्मचारियों पर भारी मानसिक दबाव डाल सकते हैं जो उनकी मानसिक सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकता है.