जापान में आए भूकंप और सुनामी को आए 11 साल हो गए हैं. इस तबाही में 20 हजार लोगों की जान गई थी. इनमें कई लोग घायल हुए और हजारों की संख्या में लोग अभी भी मिसिंग हैं. यह लगभग छह मिनट तक चला और आधिकारिक तौर पर जापान में दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप था. 1900 में आधुनिक रिकॉर्ड-कीपिंग शुरू होने के बाद से यह दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली भूकंप था.
भूकंप से सुनामी की लहरें उठीं जो 40.5 मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंच गईं. इस आपदा में अनुमानित रूप से 19,759 लोग मारे गए और 2,500 से अधिक लोग लापता हो गए. इन लापता लोगों में एक थी युको ताकामात्सू (Yuko Takamatsu), जिसे आखिरी बार ओनागावा में देखा गया था. Onagawa आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था.
घटना को हो गए 11 साल
इस घटना को हुए ग्यारह साल बीत चुके हैं लेकिन उसका पति, यासुओ ताकामात्सु, आज भी हर हफ्ते उसे खोजने के लिए जाता है कि उसे अपनी पत्नी की बॉडी मिल जाए. 65 साल के यासुओ ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उन्होंने जमीन पर यासुओ की तलाश में दो साल बिताए. लेकिन 2013 के बाद से उन्होंने डाइविंग लाइसेंस हासिल करने के बाद अपना ध्यान वापस पानी की ओर लगाया.
यासुओ पिछले 9 सालों से हर हफ्ते गोता लगा रहा है. उसने कसम खाई है कि जबतक वो जिंदा रहेगा अपनी पत्नी को खोजता रहेगा. उसने कहा,"मैं गोता लगाता हूं जैसे कि मैं उससे कहीं मिलने जा रहा हूं." यासु को युको का आखिरी मैसेज था, "क्या तुम ठीक हो? मैं घर जाना चाहती हूं."आपदा के तुरंत बाद उसका सेल फोन और अन्य सामान बरामद कर लिया गया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसका शरीर कभी नहीं मिला.यासुओ ने पाया कि उपरोक्त मैसेज डिलीवर हो गया था, लेकिन एक और टेक्स्ट था जो संभवतः सूनामी-ट्रिगर सिग्नल के नुकसान के कारण आउटबॉक्स में बना रहा.दूसरा मैसेज था, "सुनामी विनाशकारी है."
उस समय अपने ऑफिस में थी युको
जब 11 मार्च को 14:46 JST पर सुनामी आई, तो युको उस बैंक में थी जहां वह काम करती थी. वह कथित तौर पर उन श्रमिकों के समूहों में से एक थीं जिन्होंने भूकंप से हुए नुकसान को साफ करने में मदद की. जांच में यह भी पता चला कि वह अपने प्रबंधक द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद अपने कार्यालय की इमारत की छत पर चढ़ गई थी. ये वही समय था जब उसने यासुओ को पहला मैसेज भेजा था.