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शौक बड़ी चीज है! जेल में स्पोर्ट्स शूज पहनने के लिए कैदी ने बनवाया मजिस्ट्रेट का फर्जी ऑर्डर, ऐसे खुली पोल

साकेत थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक अंडरट्रायल नीरज उर्फ कुप्पा तिहाड़ जेल की हाई रिस्क जेल में बंद है. कुप्पा को 9 अगस्त को साकेत कोर्ट में पेश किया गया था.

कैदी ने स्पोर्ट्स शूज़ पहनने के लिए बनाया कोर्ट का फर्जी ऑर्डर कैदी ने स्पोर्ट्स शूज़ पहनने के लिए बनाया कोर्ट का फर्जी ऑर्डर

देश की सबसे सुरक्षित कहे जाने वाली तिहाड़ जेल की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. सवाल इस बात का है कि जेल में बंद गैंगस्टर नीरज उर्फ कुप्पा को जेल में स्पोर्ट्स शूज पहनने की इजाजत कैसे मिल गई. सवाल ये है कि उसके पास स्पोर्ट्स शूज कहां से आए. कुप्पा से जब स्पोर्ट्स शूज के बारे में पूछा गया तो उसने साकेत कोर्ट का ऑर्डर दिखा दिया. जब उस ऑर्डर की जांच की गई तो पता चला कि ऑर्डर और उस पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के साइन सब फर्जी हैं.

पूछने पर मिला ये जवाब

पुलिस ने कैदी नीरज उर्फ कुप्पा के खिलाफ साकेत थाने में मुकदमा दर्ज किया है. साकेत थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक अंडरट्रायल नीरज उर्फ कुप्पा तिहाड़ जेल की हाई रिस्क जेल में बंद है. कुप्पा को 9 अगस्त को साकेत कोर्ट में पेश किया गया था. साकेत कोर्ट की लॉकअप में जब उसकी तलाशी ली गई तो नीरज ने फीते वाले स्पोर्ट्स शूज पहने हुए थे. तिहाड़ जेल के रूल बुक के मुताबिक किसी भी कैदी को स्पोर्ट्स शूज पहनने की अनुमति नहीं होती है. जब इस अंडर ट्रायल कैदी से जूते पहनने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि उसने जूते पहनने के लिए कोर्ट की अनुमति ले रखी है. उसने साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का ऑर्डर दिखा दिया. इस ऑर्डर पर कोर्ट की सील भी लगी हुई थी.

 ऐसे खुली जालसाजी की पोल

शुरूआती जांच में पुलिस को कोर्ट के इस ऑर्डर पर संदेह हुआ. कोर्ट में ऑर्डर के बारे में पता किया गया तो वह फर्जी पाया गया. अब सवाल ये है कि कैदी के पास स्पोर्ट्स शूज़ कौन लेकर आया और कोर्ट का फर्जी ऑर्डर की कॉपी किसने कैदी को दी? क्या इसमें पुलिस या फिर जेल प्रशासन मिला हुआ है? क्या किसी ने जेल वैन या फिर कोर्ट परिसर में किसी ने स्पोर्ट्स शूज दिया...जिसको लेकर अब जांच की जा रही है

अंडरट्रायल कैदी नीरज उर्फ कुप्पा पर दिल्ली में कई मुकदमे दर्ज हैं. दिल्ली के संगम विहार के रहने वाले कुप्पा पर लूट के दौरान बच्चों के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोप हैं. इस मामले में नेब सराय थाने में साल 2016 में मुकदमा दर्ज हुआ था.

-अरविंद ओझा की रिपोर्ट