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Kanika Tekriwal: 22 साल की उम्र में कैंसर को हराकर जीती जिंदगी...खोली खुद की कंपनी, आज 10 प्राइवेट जेट की हैं मालकिन

जेटसेटगो की सीईओ और फाउंडर कनिका टेकरीवाल ने प्राइवेट जेट कॉन्सिएर्ज सर्विस कंपनी की स्थापना की. इसके जरिए लोग आसानी से प्राइवेट एयरक्रॉफ्ट, हेलिकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं.

Kanika Tekriwal Kanika Tekriwal
हाइलाइट्स
  • 22 साल की उम्र में हुआ कैंसर

  • रूढ़िवादी परिवार में हुआ जन्म

सपने देखना जितना आसान है उन्हें पूरा करना उतना ही कठिन. लेकिन अगर मन में ढृढ़ संकल्प हो और हौसले बुलंद हो तो आप कुछ भी पा सकते हैं. ऐसी ही कहानी है कनिका टेकरीवाल (Kanika Tekriwal) की जिन्होंने न सिर्फ कठिनाइयों का सामना किया बल्कि सफलता के मुकाम की नई परिभाषा लिखी. कनिका ने 22 साल की उम्र में एक विमानन आधारित स्टार्टअप खोला और आज 32 साल की उम्र में वो 10 प्राइवेट जेट की मालकिन हैं.

कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की संस्थापक (JetSetGo)हैं, जो एक प्लेन एग्रीगेटर स्टार्टअप है जो मालिकों के लिए चार्टर्ड विमानों और हेलीकॉप्टरों का संचालन, प्रबंधन और उड़ान भरने का काम करता है. जेटसेटगो को इंडियन स्काई का उबर भी कहा जाता है. जेटसेटगो की जर्नी साल 2012 में निजी उड़ान को अधिक सुलभ, पारदर्शी, किफायती और सभी के लिए कुशल बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी.

रूढ़िवादी परिवार में हुआ जन्म
कनिका टेकरीवाल एमबीए हैं. अपने दोस्त सुधीर पेरला के साथ मिलकर उन्होंने अपनी कंपनी की स्थापना की. कनिका का जन्म एक रूढि़वादी मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके पिता रियल एस्टेट और केमिकल का बिजनेस करते थे. कनिका की बोर्डिंग स्कूली शिक्षा दक्षिण भारत में हुई. बाद में इकोनॉमिक्स में स्नातक और डिजाइन में डिप्लोमा करने के लिए वो मुंबई चली आईं.

22 साल की उम्र में हुआ कैंसर
कनिका 22 साल की उम्र में कैंसर का शिकार हो गई थीं. हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार लड़ती रहीं. कनिका कहती हैं कि इंसान का सबसे बड़ा डर मृत्यु होता है और जब आप वो अनुभव कर लेते हैं फिर आपके अंदर कोई डर नहीं बचता है. आपके अंदर का सब डर खत्म हो जाता है. इसी तरह मैंने कैंसर को हराने की ठानी और इसमें कामयाब भी हुई.

क्या है जेटसेटगो ?
जेटसेटगो एक प्राइवेट जेट कॉन्सिएर्ज सर्विस कंपनी है जोकि दिल्ली में स्थित है. यह लोगों को आसानी से प्राइवेट एयरक्रॉफ्ट, हेलिकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दोती है. कनिका ने 17 साल की उम्र में एक नामी जेट कंपनी में नौकरी शुरू की थी और आज वह खुद एक कंपनी चला रही हैं.

क्या करती है काम?
स्टार्टअप अब इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट का उपयोग करके भारत में इंट्रा-सिटी कनेक्टिविटी के साथ एयर टैक्सियों पर काम करने वाला पहला देश बन गया है. यह तकनीक, यूनीक मेंटेन प्रोसीजर और स्मार्ट प्रबंधन (Smart Management) के मिश्रण का उपयोग करता है. ये सभी JetSetGo के मालिकाना गुणों द्वारा विकसित किए गए हैं.

यह बदले में रखरखाव लागत को कम करने में मदद करता है, एयरटाइम बढ़ाता है, ग्राउंड टाइम कम करता है, जिससे profitablity तय होती है. यह चार्टर्ड विमानों की लागत को भी काफी हद तक कम कर देता है, जिससे वे यात्रियों के लिए अधिक आसानी से और अक्सर सुलभ हो जाते हैं.

कैसे आया आइडिया
कनिका को जब पता चला कि निजी तौर पर चार्टर्ड विमानों का उद्योग दलालों और ऑपरेटरों से भरा हुआ है तो उन्हें बहुत निराशा हुई. कनिका ने इसे बदलने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि अगर किसी को प्राइवेट जेट चाहिए होता है तो उसे किसी दलाल या निजी ऑपरेटर से संपर्क करना होता है, जो जेट या हेलीकॉप्टर की सिफारिश करता है. यह ग्राहकों की आवश्यकताओं के बावजूद उन्हें अधिकतम कमीशन देता है. पारदर्शिता की कमी और चार्टर विमानों की अनुपलब्धता के कारण कई गुना अधिक राशि का भुगतान करते हैं. इसी तरह, यदि ग्राहक किसी ऑपरेटर से संपर्क करता है, तो वे पूरी तरह से उस ऑपरेटर द्वारा संचालित एक विमान को पिच करेंगे.

कनिका को फोर्ब्स ने साल 2016 में रिटेल व ईकॉमर्स के मामले में एशिया की 30 Under 30 लिस्ट में जगह दी थी. उन्हें Kotak Wealth Hurun- Leading Wealthy Women, 2020 लिस्ट में भी जगह मिल चुकी है. आज कनिका की कंपनी जेटसेटगो का टर्नओवर 150 करोड़ रुपये है.