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कानपुर के रहने वाले समरजीत ने तैयार किया बिना बिजली के चलने वाला फ्रिज...एक बार चार्ज होने पर 12 घंटे करेगा काम

कानपुर के एक इंजीनियरिंग के छात्र समरजीत सिंह ने बिना बिजली के चलने वाला रेफ्रिजरेटर तैयार किया है. इसको चलाने के लिए compressor की जरूरत नहीं होगी और एक बार चार्ज होने पर ये 12 घंटे काम करेगा.

Samarjeet Samarjeet
हाइलाइट्स
  • फ्रिज में नहीं है कंप्रेसर

  • पेटेंट के लिए किया आवेदन

इस भीषण गर्मी में बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं. लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों का तो बुरा हाल है. हालांकि इस दौरान भी कई ऐसी चीजें होती हैं जो हमें बांधे रखती हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के एक इंजीनियरिंग छात्र ने ऐसा ही कुछ चमत्कार कर दिखाया है. इस छात्र ने बिना बिजली के चलने वाला फ्रिज बनाया है. इसको चलाने के लिए compressor की जरूरत नहीं होगी. इसको बनाने वाले छात्र समरजीत का मानना हैं कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए ये बहुत कारगर हो सकता है.

5 लीटर की क्षमता वाला ये रेफ्रिजरेटर सौर ऊर्जा यानी solar energy से चलता है. जी हां,इस फ्रिज में न तो कोई प्लग है और न ही कोई बिजली कनेक्शन. इसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं. इसे बनाया है कानपुर के एक इंजीनियरिंग के छात्र समरजीत सिंह ने. इसका मॉडल फिलहाल पेटेंट के लिए भेजा गया है.वैसे तो इन दिनों सोलर एनर्जी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है पर ये solar energy से चलने वाला पहला  रेफ़्रिजरेटर बताया जा रहा है. 

कैसे करता है काम?
इस फ्रिज में एक सोलर पैनल लगा है, जिस चार्ज करना होता है. सोलर पैनल को रेफ़्रिजरेटर से अलग किया का सकता है और कहीं भी रख कर चार्ज किया जा सकता है. इस फ्रिज की खास बात ये है कि इसे धूप में रखने की जरूरत भी नहीं होगी. ये रात में भी वातावरण की गर्मी  (atmospheric heat)से चार्ज हो सकेता है. इसमें दो डिस्प्ले(display) भी हैं. पहला display हर पल ये बताता है कि इसके अंदर कितना तापमान है. दूसरा डिस्प्ले ये बताने के लिए है कि ये कितना चार्ज है यानी उस समय कैसा काम कर रहा है. आम रेफ्रिजरेटर की तरह ही इसके दो हिस्से हैं. एक हिस्सा deep freezer के तौर पर काम करेगा और एक फ्रिज की तरह कूलिंग (cooling)करेगा.
 
फ्रिज में नहीं है कंप्रेसर
इसमें बिजली की जगह thermo-electric तकनीक का प्रयोग हुआ है. एक बार solar पैनल को चार्ज कर देने पर ये रेफ्रिजरेटर 12 घंटे काम करेगा. इसमें एक अतिरिक्त बैटरी(battery) भी लगायी गयी है जिससे सोलर पैनल चार्ज न होने पर भी काम करेगा. समरजीत के engineering के शिक्षक कहते हैं कि ये बिजली न होने पर दूर दराज के क्षेत्रों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. साथ ही इसमें compressor नहीं है यानि कि मेंटेनेंस का झंझट भी नहीं होगा क्योंकि रेफ्रिजरेटर में सबसे पहले कम्प्रेसर ही खरब होता है.

पेटेंट के लिए किया आवेदन
समरजीत ने न सिर्फ इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया है बल्कि उनके संस्थान axis college ने अपने इंक्युबेशन सेंटर (incubation centre) में इसका स्टार्टअप कराने के लिए भी योजना तैयार की है. Start up India के लिए देश भर में incubation centres को सूची में कानपुर का axis college  का incubation सेंटर भी शामिल है.

B. Tech फाइनल ईयर के छात्र समरजीत का कहना है कि पीएम मोदी ने देश के युवाओं का आह्वान किया था तब उनको लगा कि बिजली की समस्या और दूर दराज़ के क्षेत्रों में इसकी वजह से health centres की मुश्किलों को देखते हुए ये रेफ़्रिजरेटर बनाना चाहिए. घर में सेना में कई लोग होने की वजह से समरजीत ये चाहते हैं कि सैनिकों को मुश्किल परिस्थितियों में भोजन और दवाएं भी इस तरह के रेफ्रिजरेटर से मिल सके. हालांकि उनकी पहली प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन और दवा पहुंचाने के लिए इसके इस्तेमाल की होगी.