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संगीत ऐसा मानों गले में सरस्वती बैठी हों...संगीत में स्टेट लेवल पर कई सारे मेडल जीत चुके यश्वनी सारे गा मा पा में दिखाना चाहते हैं टैलेंट

यश्वीन ब्रेल लिपि से बीए सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं और पांच साल से संगीत सीख रहे हैं. वह संगीत में स्टेट लेवल पर कई मैडल भी जीत चुके हैं. उनके गीत में ऐसा अहसास होता है कि किसी की भी आंखे नम हो जाएं.

नेत्रहीन यश्ननी नेत्रहीन यश्ननी
हाइलाइट्स
  • कई जगह इलाज के लिए गए

  • 5 साल से सीख रहे संगीत

कहते हैं न कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसी ही ललक और दृढ़ इच्छा शक्ति हरियाणा के करनाल के इन्द्री के रहने बीए सेकेंड इयर के नेत्रहीन छात्र यश्वनी में देखने को मिली. यश्ननी जिस तरह तबले की थाप देते हैं, हारमोनियम पे जिस तरह उनकी उंगलियों चलती हैं उनकी दर्द भरी गजले और हरियाणवी गीत सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. यश्वनी जन्म से ही नेत्रहीन हैं, लेकिन वह अपनी इस लाचारी को अपनी कमजोरी नहीं बनने देना चाहते हैं. 

उन्होंने स्कूल में मात्र सुनकर ही पढ़ाई करनी शुरू की और तभी के साथ संगीत सीखना शुरू किया. यश्वनी ने नेत्रहीनता को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया और संगीत को अपने जीवन का आधार बना लिया. यश्वीन अब ब्रेल लिपि से बीए सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. अबतक यश्वनी संगीत में कई मैडल स्टेट लेवल पर जीत चुके हैं. उनके गीत में ऐसा अहसास होता है कि किसी की भी आंखे नम हो जाएं.

कई जगह इलाज के लिए गए
पिता नरेन्द्र का कहना है कि यश्विन बचपन से ही बहुत प्यारा था. पहले हमें पता नहीं था कि यश्विन नेत्रहीन है लेकिन जब वह चलने लगा तो किसी भी चीज से टकरा जाता था और जमीन पर गिर जाता था. उसके बाद यश्वनी को डॉक्टरों से दिखाया और पता चला कि यश्वनी नेत्रहीन है. यश्वीन के इलाज के लिए बहुत बड़े-बड़े अस्पताल में गए डॉक्टरों को दिखाया लेकिन आखिर में सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया.

अध्यापक महेन्द्र कुमार की नजर जब यश्वनी पर पड़ी तो उन्होंने देखा की नेत्रहीन होने के बाद भी यश्वनी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट काफी अच्छा बजाता है. इसके बाद उनका एडमिशन एक संगीत स्कूल में करवाया गया और यश्वनी ने संगीत सीखना शुरू कर दिया. उन्होंने स्टेट लेवल पर कई पुरस्कार भी जीते.

5 साल से सीख रहे संगीत
यश्वनी के संगीत टीचर संजीव ने बताया कि बचपन से यश्वनी की रुचि संगीत में रही है. वह मेरे पास 5 साल पहले आया था. इसके इलाव इसकी रूची कविताओं में भी है. जब भी कोई प्रोग्राम होता था तो यश्वनी उनमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता है. यश्वनी अपने संगीत को लेकर बहुत मेहनत की, जिसकी बदौलत यश्वीन ने विद्यालय को स्टेट लेवल पर कई पुरस्कार विद्यालय को दिए है. अब उनका लक्ष्य है यश्वनी को देश के सबसे बड़े स्टेज सारे गामा पा, तक ले जाएं.

(करनाल से अभिनव माथुर की रिपोर्ट)