करनाल के बसंत विहार निवासी रामविलास का प्रकृति के साथ ऐसा जुड़ाव है कि उन्होंने घर की छत को ही गार्डन में तब्दील कर दिया है. गार्डन में रामविलास 4 हजार गमलों में देसी-विदेशी फल सब्जियां उगा रहे हैं. जिसे देखने के लिए हरियाणा के अलावा यूपी, महाराष्ट्र, उत्तराखड़ सहित फ्रांस, इंग्लैंड सहित अन्य देशों से लोग पहुंच रहे है.
यही नहीं घर की छत पर गमलों में उग रही रासायन मुक्त सब्जियों को देखकर रामविलास के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 25 लाख लोग जुड़े है. और वे भी इस प्रकृति प्रेमी से प्रेरित होकर घरों की छतों पर ऑर्गनिक तरीके से फल-सब्जियां उगा रहे हैं. जिससे न केवल लोगों को रसायनमुक्त फल-सब्जियां मिल रहे हैं, साथ ही घरों में शुद्ध हवा सहित प्रदूषण मुक्त वातावरण बन रहा है.
8 गमलों में बागवानी से की शुरुआत
साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामविलास ने 25 साल पहले मात्र 8 गमलों को घर की छत पर रखकर उनमें सब्जियां उगाने से शुरुआत की. और आज गमलों की संख्या बढक़र 4 हजार तक पहुंच गई है. इन गमलों में ऑर्गनिक तरीकों से फल सब्जियां उगाई जा रही हैं. रामविलास के साथ उनके यू-टयूब चैनल पर करीब 25 लाख लोग जुड़ चुके हैं.
शायद ही कोई मौसमी सब्जियां हों जो रामविलास नहीं उगा रहे हैं. उनके घर में सब्जियां, फल और फूलों के अनगिनत पौधे हैं. लोगों का कहना है कि कलर शिमला मिर्च सिर्फ पोली हॉउस में ही उगाई जा सकती है. पर रामविलास के मुताबिक यह सच नहीं है. इसे घर की छत पर रखें गमलों में उगाया जा सकता है.
घर में उगा रहे कई तरह के फल-सब्जियां
रामविलास ने बताया कि वह घर पर सफेद बैंगन, मुंगफली, केला, पपीला सहित बेर, अमरूद, चीकू सहित हर प्रकार के फल-सब्जी ऑर्गनिक तरीकों से उगा रहे हैं. उनके उगाए गए फल सब्जियों का स्वाद बाजार से मिल रही सब्जियों से बिल्कुल अलग है.
इसके अलावा नेचुरल तरीके से उगी सब्जियां खाने में पौष्टिकता से भरपूर हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इन सब्जियों ओर फलों को उगाने के लिए वह पेड़ों के सूखे पत्ते, किचन से निकले गीले कचरे से खाद बना रहे हैं.
(कमल दीप की रिपोर्ट)