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Katra Reasi Rail Trial: 20 साल का इंतजार होगा खत्म! कटरा से रियासी रेल रूट पर ट्रायल रन शुरू

कटरा रेलवे स्टेशन से रियासी के बीच 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बिजली से चलने वाले पैसेंजर ट्रेन के इंजन को चलाया गया. इससे पहले इलेक्ट्रिक रेल इंजन को बाकायदा फूलों की माला और बैलून से सजाया गया था.

Katra Reasi Rail Trial (Representative Image) Katra Reasi Rail Trial (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • पैसेंजर ट्रेन के इंजन को चलाया गया

  • चिनाब ब्रिज है एफिल टावर से भी ऊंचा 

कुछ समय पहले रेल के जरिए कश्मीर को पूरे देश से जोड़ने का सपना देखा गया था. अब ये मुमकिन होने जा रहा है. जम्मू के कटरा और रियासी के बीच T-33 टनल का काम पूरा होने के बाद इस नए रेल मार्ग पर ट्रायल रन किया गया. पहली बार कटरा से रियासी रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का इंजन...और फिर गुड्स ट्रेन यानी मालगाड़ी गुजरी. 

श्री माता वैष्णो देवी मंदिर की तलहटी में मौजूद कटरा को रियासी से जोड़ने वाली 3.2 किलोमीटर लंबी सुरंग का काम 20 साल से चल रहा था. जिसकी वजह से कटरा और रियासी के बीच रेल के दौड़ने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा था. आजादी के बाद से अभी तक कश्मीर जाने के लिए ट्रेन की सुविधा नहीं थी. जम्मू-तवी तक ही ट्रेन जाती थी. और आगे का 350 किलोमीटर लंबा सफर सड़क मार्ग से तय करना होता था, जिसमें 10 घंटे भी लग जाते थे. हालांकि बहुत जल्दी ये मुश्किल हल होती दिख रही है.

पैसेंजर ट्रेन के इंजन को चलाया गया
बुधवार को कटरा रेलवे स्टेशन से रियासी के बीच 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बिजली से चलने वाले पैसेंजर ट्रेन के इंजन को चलाया गया. इससे पहले इलेक्ट्रिक रेल इंजन को बाकायदा फूलों की माला और बैलून से सजाया गया. रेल इंजन की रवानगी से पहले रेलवे अधिकारियों ने उसकी पूजा भी की. रेल इंजन के बाद एक मालगाड़ी को भी 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से रियासी रेलवे स्टेशन की ओर रवाना किया गया. 

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इससे पहले दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल का काम पूरा होने के बाद वहां जून में ट्रायल हुआ था. तब उस ट्रायल के दौरान जम्मू के रामबन में संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन चली थी. इस रूट पर ये ट्रेन चिनाब ब्रिज से होकर गुजरी थी, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा स्टील आर्च ब्रिज है. 

चिनाब ब्रिज है एफिल टावर से भी ऊंचा 
चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है. एफिल टॉवर की ऊंचाई 330 मीटर है, जबकि सवा किलोमीटर लंबे इस ब्रिज को चिनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. जम्मू से बारामूला तक के रेल मार्ग को जोड़ने की योजना में कटरा-रियासी-संगलदान खंड सबसे अहम हिस्सा है. 

अभी ट्रेन सेवा जम्मू से कटरा और संगलदान से बारामूला के बीच ही मौजूद है. पहले रियासी से संगलदान फिर कटरा से रियासी के बीच की कड़ी पूरी होने से कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से रेल के माध्यम से जोड़ने का सपना साकार होगा.

रेल मंत्री ने किया एक्स पर वीडियो पोस्ट 
टनल के निर्माण कार्य पूरा होने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया. जो कटरा रेलवे स्टेशन से रियासी के बीच सुरंग संख्या-1 और अंजी खड्ड केबल ब्रिज से होकर गुजरते पहले इलेक्ट्रिक इंजन के ट्रायल से जुड़ा था. 
 

पहले चेनाब ब्रिज और अब T-33 टनल का निर्माण पूरा होने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही देशभर के लोग ट्रेन के जरिए भी कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद ले सकेंगे. नई दिल्ली को श्रीनगर से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 41 हजार करोड़ के ऊधमपुर-श्रीनगर-बनिहाल रेल लिंक प्रोजेक्ट न केवल कश्मीर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि रेल मार्ग से देश के दूसरे हिस्सों को कश्मीर से जोड़कर सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का नया रास्ता भी खोलेगी. रेल मार्ग की वजह से व्यापार के नए अवसर भी पैदा होंगे और सैलानी भी आसानी से घाटी पहुंच पाएंगे. इस तरह कश्मीर के विकास को नई रफ्तार मिलेगी. यही नहीं, वो भावनात्मक रूप से देश से और मजबूती से जुड़ेगा.