कौन बनेगा करोड़पति (KBC) जीतकर रातों-रात सेलिब्रिटी बनने वाले और फिर नशे की लत में बर्बाद होने वाले सुशील कुमार एक बार फिर चर्चा में हैं. हालांकि इस बार चर्चा एक अच्छे काम के लिए है. बिहार में मोतिहारी के रहने वाले सुशील कुमार अब लुप्त हो रही घरेलु पक्षी- गौरया के संरक्षण में जुटे हैं.
इससे पहले 2018 में वह चंपा के पौधे लगाने का अभियान शुरू कर चुके हैं. जिसके तहत उन्होंने लाखों पौधे अपने इलाके में लगाए हैं. आपको बता दें कि बिहार सरकार ने घरेलु पक्षी गौरया के संरक्षण की पहल की है और इसे राजकीय पक्षी घोषित कर दिया. जिसके बाद इसकी लुप्त होती प्रजाति को बचाने का अभियान शुरू हो गया.
मुफ्त में लगा रहे हैं घोंसले
सुशील कुमार गौरया को संरक्षित करने के लिए अपने जिले मोतिहारी में विशेष अभियान चला रहे हैं. जिसमें वह उनके लिए घोंसलों का निर्माण करवाकर आस-पास के इलाकों में लगा रहे हैं. इस अभियान के तहत सुशील रोजाना अपनी स्कूटी पर घोंसले लेकर निकल जाते हैं. लोगों के दरवाजे पर दस्तक देते हैं और अपने सहयोगी के साथ मिलकर उनके घर में घोंसला लगा देते हैं.
सुशील पहले घोंसला ऑनलाइन मंगवाते थे. बाद में उन्होंने खुद इसका निर्माण शुरू कर दिया. सुशील के बनाये घोंसलों में अब भारी संख्या में गौरया आती हैं और निवास करती हैं. सुशील को यह प्रेरणा सोशल मीडिया से मिली. शुरूआत में उन्हें अभियान में थोड़ी परेशानी हुई. लेकिन अब लोगों का साथ मिलने लगा है. वह मोतिहारी नगर और ग्रामीण इलाकों से लोगों को बुलाते है और उन्हें मुफ्त में घोंसला देते हैं.
लोग हो रहे हैं जागरूक
सुशील कुमार ने हाल ही में मोतिहारी नगर के चाणक्यपुरी मोहल्ले में कई घरों में गौरैया का घोंसला लगाया है. एकौना चाणक्यपुरी मुहल्ला निवासी शैलेन्द्र मिश्र ने बताया कि उन्हें सुशील कुमार के अभियान के बारे में पता चला तो उन्होंने अपने घर में घोंसला लगवाया. अब उनके यहां गौरया आती हैं.
वहीं चांदमारी मुहल्ला के निवासी कर्मचारी गोपाल मिश्रा के घर भी सुशील कुमार ने घोंसला लगाया है. गोपाल मिश्र इसे एक सरोकारी अभियान बता रहे हैं. अब लोग सुशील के अभियान से जुड़ रहे हैं. स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि प्रकृति को सुंदर बनाने में पक्षियों की अहम भूमिका है. इसलिए यह अभियान जरूरी है.
सुशील ने बताया कि यह एक छोटे से बदलाव की कोशिश है. लोग अपने घरों की छतों पर साफ पानी रखें. गौरया को संरक्षित करें. उन्होंने यह अभियान सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू किया है. उनकी इच्छा है कि यह आगे बढ़ता रहे. उनके अभियान से प्रभावित होकर लोग छतों पर पानी रख रहे हैं.
गौरया अब इस इलाके में आने लगी हैं. उनका कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और इसका धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा.
(सूजीत झा की रिपोर्ट)