आजकल काम और आराम के बीच लाइन्स ब्लर हो रही हैं. जिन लोगों को काम करने के लिए फ्लेक्सिबल और रिलैक्स्ड वातावरण की जरूरत है उनके लिए भी नए कॉन्सेप्ट सामने आ रहे हैं. अतिरा मोहन, एक वॉल मुराल आर्टिस्ट और एओएम स्टूडियोज़ की को-फाउंडर ने इसी तरह का एक नया कॉन्सेप्ट- 'जीवीक्यू टाइम कैफे' की पेशकश की है. इस कैफे का अनोखा कॉन्सेप्ट है जहां आपको खाने का नहीं बल्कि टाइम का बिल देना होगा.
अतिरा का आइडिया 'एंटी-कैफ़े' की रूसी अवधारणा पर आधारित है - ऐसी जगहें जहां लोग प्रति मिनट बिताए गए समय का भुगतान करते हुए जितना चाहें उतना फूड और ड्रिंक्स ले सकते हैं. अतिरा के व्यक्तिगत अनुभव और नवीन सोच से केरल के कोच्चि में एक कैफे तैयार हुआ है जो ग्राहकों को अपने टाइम को मैनेज करने और फ्लेक्सिबिलिटी एंन्जॉय करने का मौका देता है.
महामारी में हुई क्रिएटिव शुरुआत
कोविड-19 महामारी बहुत सी चुनौतियां लेकर आई, खासकर कला और फैशन जैसे लक्जरी व्यवसायों के लिए. उस समय अतिरा ने भी खुद को आर्थिक संकट में पाया लेकिन उन्होंने नए रास्ते तलाशने की ठान ली. वह हमेशा से एक कैफे खोलने का सपना देखती थीं. ऐसे में उन्होंने सोचा कि महामारी इस ओर काम करने का सही समय हो सकता है.
इसलिए, महामारी के दौरान व्यवसाय की धीमी गति के बावजूद, उन्होंने 2020 में अपना शोध शुरू किया. उन्होंने कोच्चि और उसके आसपास कई कैफे का दौरा किया. लेकिन यहां पर उन्हें भूख न होने पर भी खाना ऑर्डर करना पड़ता था. यह बात उन्हें सही नहीं लगती थी. इस तरह उन्हें 'टाइम कैफे' का आइडिया आया. उन्होंने अपने पुराने घर को कैफे में बदल दिया.
यहां टाइम ही पैसा है
जीवीक्यू टाइम कैफे का नया दृष्टिकोण ग्राहकों पर खाना ऑर्डर करने के लिए दबाव डालने के बजाय, कैफे में बिताए गए समय के लिए फीस लेना है. ग्राहक बाहर से खाना ऑर्डर कर सकते हैं या लिमिटेड इन-हाउस मेनू से चुन सकते हैं जिसमें ऑमलेट, सैंडविच और बहुत कुछ शामिल है. कैफे में ब्लैक कॉफ़ी, ब्लैक टी, ग्रीन टी और ठंडी कॉफ़ी जैसे अलिमिटेड ड्रिंक भी उपलब्ध हैं. ग्राहकों के लिए कुकीज़ और कैफे का सिग्नेचर स्वीट बटर क्रेप भी मिलता है.
उनका प्राइसिंग मॉडल पर्सनलाइज्ड है, और ग्राहक सिर्फ उस समय का भुगतान करते हैं जिसका वे उपयोग करते हैं. पहले घंटे के लिए प्रति व्यक्ति ₹150 और उसके बाद के घंटों के लिए ₹1 प्रति मिनट का शुल्क लिया जाता है. यह फ्लेक्सिबिलिटी ग्राहकों को आराम करने, काम करने या अपना खाना अपने हिसाब से एन्जॉय करने की छूट देती है. जीवीक्यू टाइम कैफे को लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. अतिरा ने इस कॉन्सेप्ट को दूसरे शहरों में ले जाने की योजना बनाई है.