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कोमा में चला गया था लावारिस व्यक्ति...KGMU के डॉक्टर ने इलाज कर पहुंचाया घर

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक लावारिस शख्स का इलाज किया. व्यक्ति कोमा में चला गया था. इलाज के बाद जब उसे होश आया तो उसने बताया कि वो नेपाल का रहने वाला है.

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स एक शख्स के लिए वाकई फरिश्ता बनकर आए. डॉक्टरों ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर बेहोश पड़े एक लावारिस मरीज को ठीक किया जोकि कोमा में चला गया था. न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो बीके ओझा ने बताया कि विगत 26 फरवरी को नेपाल के रहने वाले जीत बहादुर भूजल को बेहोशी की हालत में चारबाग रेलवे स्टेशन से केजीएमयू न्यूरो सर्जरी विभाग में इलाज के लिए लाया गया था. 

जांच के बाद पता चला कि व्यक्ति कोमा में चला गया है, जिसके बाद देढ़ महीने तक उसका इलाज किया गया. इसके अलावा उच्च स्तर पर कर्मचारियों द्वारा उसकी देख-रेख की गई. डॉ ओझा ने बताया कि जब मरीज इलाज के बाद कोमा से बाहर आया तब उसने अपना परिचय बताया. शख्स नेपाल का रहने वाला है और काम की तलाश में नेपाल से गोरखपुर आया था.

घर भी पहुंचाया
इसके बाद उसका प्लान केरला अपने दोस्तों के पास काम के लिए जाना था. वह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन आ पहुंचा जहां वो बेहोश हो गया और फिर उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया. होश में आने के बाद उसने अपने परिजनों से बातचीत की. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरोसर्जरी विभाग के स्टाफ कर्मचारी अतुल उपाध्याय ने न्यूरो सर्जरी के एचओडी प्रोफेसर ओझा के मार्गदर्शन पर उसे अपनी निजी वाहन से उसके घर छोड़ा जोकि नेपाल के गोरखा जिला में पड़ता है. 

न्यूरो सर्जरी विभाग के कर्मचारी अतुल उपाध्याय ने वर्ष 2011 से केजीएमयू ट्रामा सेंटर में आए सैकड़ों लावारिस व्यक्तियों को इसी तरह इलाज मुहैया करवाकर उन्हें उनके परिजनों से घर ले जाकर मिलवाया है. केजीएमयू का न्यूरोसर्जरी विभाग पिछले कई सालों से नेक कार्य करते हुए इसी तरह के लावारिस मरीजों का इलाज करवा कर उनका पता तलाश कर परिजनों को मुफ्त में सुपुर्द कर रहा है.

(लखनऊ से सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)