

राजस्थान के प्रमुख उद्योगों में रत्न और नगीनों (Gem and Stone) का नाम भी शुमार है. जब रत्न और नगीनों की बात होती है तो व्यापारी वर्ग सबसे पहले जयपुर की तरफ देखता है. इसका कारण है कि जयपुर के हेरिटेज बाजारों में ऐसी सैकड़ों गद्दियां हैं, जहां पर रत्नों के जानकार देश ही नहीं विदेशों में भी इनका आयात-निर्यात कर रहे हैं.
लोग जब इन रत्नों को देखने व्यापारियों के पास जाते हैं तो सभी तरह की वैरायटी एक ही जगह पर हो पाना मुश्किल होता है. लेकिन अब पूरे विश्व में पाए जाने वाले रत्न एक ही छत के नीचे देखने को मिलेंगे. जयपुर में जलमहल के पास खजाना महल (Khazana Mahal Museum) बनाया गया है, जिसमें रत्नों की पूरी जर्नी दर्शायी गई है.
सैकड़ो वर्ष पहले यहां हुआ था अश्वमेघ यज्ञः
सैकड़ो वर्ष (लगभग 300 वर्ष) पहले जिस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. उसी जमीन पर पत्थरों से निकलकर रत्न और नगीने बनने और फिर गहनों में ढलने तक का सफर लोग खजाना महल म्यूजियम में देख सकेंगे. जल महल के पास गुर्जर की घाटी में तैयार अनूठा खजाना महल म्यूजियम दर्शकों के लिए बनाया गया है. खजाना महल म्यूजियम में देश दुनिया के 400 प्रकार के 20,000 से अधिक रत्न देखे जा सकते है. कई एंटीक रत्न और नगीने भी इस खजाना महल में दिखाए गए हैं.
111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंगः
खजाना महल में दुनिया भर की अनोखी और बेशकीमती चीजें दर्शायी गई हैं. एंटरटेनमेंट 7 क्रिएटिव वेंचर्स और म्यूजियम ऑफ जेम्स ज्वेलरी फेडरेशन जयपुर के सहयोग से म्यूजियम को तैयार किया गया है. खजाना महल में काफी महंगे रत्नों से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंग मौजूद है.
रूबी से बने एनिमल आर्ट:
खजाना महल में उल्का पिंड का टुकड़ा, करोड़ों साल पुरानी डायनासोर की हड्डी, कोहिनूर का रेप्लिका, शार्क मछली का दांत समेत कई एंटीक चीजें रखी हुई है. जानकारी के मुताबिक करीब छह करोड़ रुपए की लागत से खजाना महल म्यूजियम को तैयार किया गया है. खजाना महल म्यूजियम में बॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टर की फेमस फिल्मों में पहनी हुई ज्वेलरी शोकेस की गई है.
रूबी से बने एनिमल आर्ट भी आकर्षण का केंद्र हैं. इसके साथ ही ममी का स्टोन भी देखा जा सकता है. म्यूजियम में रत्न-नगीनों जैसे नायाब पत्थरों के गहनों में ढ़लने का सफर बताने के लिए थिएटर में 8 मिनट की फिल्म दिखाई जाती है.
रत्नों के जरिए दर्शाए गए नवग्रहः
म्यूजियम में रत्न-नगीनों से बने नवग्रह जैसे सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु दर्शाए गए हैं. खदानों से निकले विभिन्न आकारों के नगीने भी म्यूजियम में दर्शाए गए हैं. रूबी पर खजुराहो की शिल्पकारी को उकेरा गया है. 5000 किलो के साउथ इंडियन रूबी को सिंहासन की शक्ल दी गई है. इस म्यूजियम में नायाब पत्थरों के इतिहास को जानने का मौका मिलता है.
200 साल पुरानी है हवेली:
खजाना महल के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल जिस जगह है वह सिर्फ ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि इसका पौराणिक महत्व भी है. भारत में दो ही अश्वमेघ यज्ञ हुए थे. एक अश्वमेघ यज्ञ श्री राम ने करवाया था और दूसरा जयसिंह ने करवाया था. जिस जगह पर खजाना महल बना है, उस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. खजाना महल के दूसरी तरफ एक प्राचीन मंदिर है. जब जयपुर की स्थापना हुई थी तो उसकी पूजा इसी मंदिर में की गई थी.
खजाना महल अरावली हिल से घिरा हुआ है. कुदरत ने ऐसी जगह दी है, जहां ऐसा लगता है कि किसी हिल स्टेशन पर आ गए हों. खजाना महल करीब 200 साल पुरानी हवेली में बनाया गया है. इस 200 साल पुरानी हवेली को बारूदखाना कहा जाता था. इस हवेली की दीवारें 3.5 फीट मोटी हैं. पुराने जमाने में इस हवेली में बारूद रखा जाता था. खजाना महल के लिए तो मानो बनी बनाई तिजोरी मिल गई और इस पुरानी तिजोरी में खजाना महल सजा दिया गया है.
6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेच्यू:
यहां पर एक 6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर से सूर्य भगवान की प्रतिमा बनी हुई है. रूबी स्टोन से सूर्य भगवान की प्रतिमा बनाने में 4 साल का समय लगा है. अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि रामसेतु को पत्थर भी यहां पर देखने को मिलेंगे. भगवान श्रीराम को जब लंका पार करनी थी, तो पत्थरों से रामसेतु बनाया गया था. पानी में तैरने वाले रामसेतु के पत्थर यहां पर हैं. महिला की खूबसूरती के बात की जाती है तो सोलह श्रृंगार की चर्चा होती है. सोलह श्रृंगार के बारे में बताने के लिए म्यूजियम के अंदर स्टेच्यू तैयार किया गया है.
बॉलीवुड फिल्मों में सेलिब्रिटीज की ओर से पहनी गई ज्वेलरीः
बॉलीवुड की भी काफी ज्वेलरी म्यूजियम में लगाई गई है. कई फिल्मों में दिखाई गई ज्वेलरी को यहां म्यूजियम में दर्शाया गया है. वीर फिल्म, ताज महल फिल्म और अन्य काफी फिल्मों की ज्वेलरी म्यूजियम में दिखाई गई हैं. आने वाले समय में और भी कई फिल्मों की ज्वेलरी यहां पर देखने को मिलेगी. 30 साल पहले डॉ. रजनीकांत शाह ने सपना देखा था. उन्होंने दुनिया भर में घूम-घूम कर यह ज्वेलरी और रत्न इकट्ठे किए हैं.
सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉलः
खजाना महल का सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉल है. दरबार हॉल में चार सेट लगाए गए हैं. एक सेट पर बॉलीवुड की ज्वेलरी दिखाई गई है. दूसरे सेट पर सोलह शृंगार, तीसरे सेट पर कुंदन मीना दिखाया गया है. कुंदन मीना जयपुर की खास पहचान है. चौथे सेट में ट्राइबल ज्वेलरी को दिखाया गया. ट्राइबल ज्वेलरी यानी आदिवासियों द्वारा बनाई-पहनी जाने वाली ज्वेलरी. पाकिस्तान अफ़गानिस्तान समेत कई देशों की ज्वेलरी प्रदर्शित की गई है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए म्यूजियम में कई मनोरंजन गतिविधियां भी रखी गई हैं.