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पुलिस नहीं सुन रही फरियाद? ऐसे करें घर बैठे FIR दर्ज 

अगर आप झूठे मामलों की रिपोर्ट करते हैं, तो आपके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 182 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है. इस ऑनलाइन सिस्टम को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) कहा जाता है. 

Online FIR Online FIR
हाइलाइट्स
  • झूठ मामलों की रिपोर्ट करने पर मिलती है सजा 

  • पुलिस शिकायत दर्ज न करें तो सीधे करें मजिस्ट्रेट से संपर्क 

किसी भी कीमती सामान के गुम होने पर सबसे पहले हमारे दिमाग में सबसे पहले उसकी शिकायत दर्ज करवाने का ख्याल आता है. एफआईआर में घटना की तारीख, समय और स्थान और आरोपी की पहचान (यदि पता हो तो) का सटीक तरीके से उल्लेख होना चाहिए. इसमें उस घटना से जुड़े वास्तविक तथ्य भी शामिल होने चाहिए जो घटना में शामिल व्यक्तियों के नाम और विवरण के साथ घटित हुई हों. लेकिन कई बार इसके लिए हमें पुलिस स्टेशन के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. हालांकि अब आपको पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठे मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन एफआईआर (Online FIR) दर्ज कर सकते हैं. 

ऑनलाइन FIR ऐसे करें दर्ज

-सबसे पहले आपको delhipolice.nic.in पर लॉग इन करना होगा

-नीचे स्क्रॉल करके अब ‘सिटीजन सर्विस’ पर क्लिक करें

-अब पेज पर आपको कंप्लेंट लॉजिंग, एमवी थेफ्ट ई-एफआईआर, थेफ्ट ई-एफआईआर, आर्थिक और साइबर अपराध, गुमशुदा व्यक्ति रिपोर्ट, लॉस्ट एंड फाउंड आदि जैसे विकल्प मिलेंगे

-संबंधित विकल्प पर क्लिक करें

-आपको अब अपनी यूजर आईडी और फोन नंबर दर्ज करना होगा

-अगर पहले से ही आईडी बनी हुई है तो लॉगिन करें और नहीं बनी है तो पहले रजिस्ट्रेशन करवाएं 

-मान लीजिये आपको मोटर वाहन चोरी के संबंध में FIR दर्ज करनी है. तो एमवी चोरी ई-एफआईआर के ऑप्शन पर क्लिक करें, रजिस्टर्ड यूज़र पर क्लिक करें, अपनी डिटेल्स भरें और अपने मोबाइल पर जो ओटीपी आया है उसके साथ साथ लॉगिन करें. अगले पेज पर, वाहन के साथ वाहन की डिटेल और चोरी की गई संपत्ति के बाद शिकायतकर्ता की डिटेल दर्ज करें.  

-आखिर में सबमिट बटन पर क्लिक कर दें, आपकी FIR फाइल हो गयी है. 

अब आपकी एफआईआर की एक कॉपी आपके रजिस्टर्ड ईमेल अकाउंट पर आ जायेगी. 

झूठ मामलों की रिपोर्ट करने पर मिलती है सजा 

एक और बात ध्यान रहे कि अगर आप झूठे मामलों की रिपोर्ट करते हैं, तो आपके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 182 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है. इस ऑनलाइन सिस्टम को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) कहा जाता है. 

दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही है फाइल करने का प्रोसेस 

आपको बता दें, दूसरे राज्यों के लोग भी इसी प्रोसेस से एफआईआर फाइल कर सकते हैं. वे भी संबंधित ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं. जैसे उत्तर प्रदेश के लिए uppolice.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं. 

पुलिस शिकायत दर्ज न करें तो सीधे करें मजिस्ट्रेट से संपर्क 

मान लीजिये पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है तो आप सीधे किसी भी पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट या किसी अन्य पुलिस ऑफिसर को अपनी शिकायत लिख और पोस्ट या ईमेल कर सकते हैं.

अगर फिर भी पुलिस आपकी एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो आप कानून का सहारा ले सकते हैं. आप एक वकील के माध्यम से सीआरपीसी की धारा 200 आर/डब्ल्यू 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट से संपर्क  शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.