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उम्र महज एक बहाना है! 80 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से घोड़ा दौड़ाते हैं 82 साल के ऋषिकेश, सड़क पर करते हैं हवा से बातें

यह कहानी है कि 82 साल के एक 'नौजवान' की, जो साबित कर रहे हैं कि शौक बड़ी चीज है और उम्र तो महज एक बहाना है क्योंकि ढलती उम्र में भी जिंदगी जीना कोई इनसे सीखे.

82 year old Rishikesh 82 year old Rishikesh
हाइलाइट्स
  • घोड़ा पालने का शौक है बचपन से

  • यह उनका अब तक का 23वां घोड़ा है

लखीमपुर खीरी जिले में फरधान थाना क्षेत्र के पचपेड़वा गांव के रहने वाले 82 साल के बुजुर्ग ऋषिकेश जब हाईवे पर 80 किलोमीटर की रफ्तार में अपना पालतू घोड़े बेंदुला को दौड़ाते हैं तो अच्छे-अच्छे नौजवान दांतो तले उंगली दबा लेते हैं. ऋषिकेश बताते हैं कि उन्हें घोड़ा पालने का शौक बचपन से है. अभी तक उन्होंने बाइक, मोटर कार की सवारी नहीं की है. वह जहां कहीं भी जाते हैं अपने घोड़े पर जाते हैं. 

उन्होंने कालारासी प्रजाति के अपने पालतू घोड़े का नाम बेंदूला रखा है. ऋषिकेश बताते हैं कि यह उनका अब तक का 23वां घोड़ा है. इससे पहले वह 22 घोड़े रख चुके हैं. 

हवा से बाते करते हैं ऋषिकेश
ऋषिकेश जब हाईवे पर अपने पालतू घोड़े पर बैठकर निकल रहे होते हैं तो लोगों को लगता है कि वह हवा से बातें कर रहे हैं. अपनी उम्र के 82 बसंत देख चुके ऋषिकेश बताते हैं कि नेताजी मुलायम सिंह यादव, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने को भी उन्होंने करीब से देखा है. 

और आज बदलते वक्त में भी उन्होंने अपने शौक को नहीं बदलने दिया. उन्हें घोड़ों से प्यार है और उनके लिए वह तड़प उठते हैं. हालांकि, इस उम्र में अपने ऐसे शौक को जीना बहुत से लोगों के लिए आसान बात नहीं है लेकिन ऋषिकेश के लिए तो शायद उम्र महज एक संख्या है. 

(अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट)