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LPG Insurance Claim: घर में हो गई सिलेंडर फटने की दुर्घटना…  कंपनी देगी लाखों रुपये का कवर, जानें कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम? किन बातों का रखें ध्यान? 

LPG accident claim settlement: हम कई एलपीजी दुर्घटनाएं देखते हैं. इसके नुकसान से निपटने के लिए तेल कंपनियां और प्रोवाइडर उपभोक्ताओं को बीमा पॉलिसी देते हैं. लेकिन जागरूकता न होने की वजह से ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे में नहीं पता चलता है.

LPG accident claim settlement (Photo/PTI) LPG accident claim settlement (Photo/PTI)
हाइलाइट्स
  • कोर्ट ने सुनाया था फैसला 

  • लाखों परिवारों का हिस्सा है एलपीजी 

LPG insurance policy: कल्पना करें: घर पर एक शांत दिन… रसोई में बर्तनों की खड़खड़ाहट… अचानक एक जोरदार धमाका हुआ. कमरे में केवल धुआं-धुंआ… और हवा में केवल गैस की गंध. एक एलपीजी सिलेंडर फटा जिससे अफरा-तफरी मच गई. न केवल शारीरिक क्षति हुई बल्कि भावनात्मक और पैसों का नुकसान भी हुआ.

ऐसी ही एक घटना ओडिशा के एक छोटे से गांव में घटी. स्थानीय निवासी सुशांत बेहरा हर दिन की तरह अपना काम कर रहे थे कि तभी उनके घर में एलपीजी सिलेंडर अचानक फट गया. विस्फोट से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उनका घर खंडहर हो गया. उनका परिवार न केवल दुर्घटना से बल्कि अस्पताल के भारी बिल और उनके टूटे-फूटे घर की मरम्मत की लागत से भी तबाह हो गया.

सुशांत के परिवार का मानना ​​था कि वे इस लड़ाई में अकेले हैं. कई अन्य लोगों की तरह, वे इस बात से अनजान थे कि वे अपनी गैस कंपनी द्वारा प्रदान की गई बीमा पॉलिसी के तहत दावा दायर कर सकते हैं. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि हर रजिस्टर्ड उपभोक्ता अपने आप ही इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आ जाता है. 

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पड़ोसियों से यह सुनने के बाद कि नुकसान की भरपाई के लिए कोई बीमा पॉलिसी हो सकती है, सुशांत के परिवार ने जांच करने का फैसला किया. वे अपने स्थानीय एलपीजी वितरक के पास गए, लेकिन उनकी मदद किसी ने नहीं की. 

यह कई एलपीजी दुर्घटना पीड़ितों के लिए एक सामान्य अनुभव है. जबकि तेल कंपनियां और प्रोवाइडर उपभोक्ताओं को बीमा पॉलिसी देते हैं लेकिन जागरूकता न होने की वजह से ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे में नहीं पता चलता है. 

कोर्ट ने सुनाया था फैसला 
2021 में एक ऐतिहासिक मामले में जस्टिस एस.के. उड़ीसा हाई कोर्ट (Odisha High court) ने सुशांत बेहरा का मामला उठाया. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने माना कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (Oil Marketing Companies) के पास ऐसी दुर्घटनाओं को कवर करने के लिए कई बीमा पॉलिसियां (LPG insurance policy) ​​हैं, लेकिन इस तथ्य पर अफसोस जताया कि ज्यादातर पीड़ित अपने अधिकारों से अनजान हैं. जस्टिस पाणिग्रही ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह सुशांत को उनकी चोटों के लिए मुआवजे के रूप में ₹2,00,000 का भुगतान करे.

अदालत ने यह भी कहा कि ओएमसी को बीमा पॉलिसी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और ज्यादा प्रयास करना चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि इस कवरेज के बारे में डिटेल में एलपीजी रसीदों के पीछे इस छापा जाना चाहिए. इन सिफारिशों के बावजूद, ज्यादातर उपभोक्ताओं के लिए जमीनी हकीकत अभी भी वैसी ही बनी हुई है.

सिलेंडर फटने से तहस नहस हुआ घर (फोटो: PTI)
सिलेंडर फटने से तहस नहस हुआ घर (फोटो: PTI)

लाखों परिवारों का हिस्सा है एलपीजी 
भारत में, एलपीजी लाखों परिवारों के दैनिक जीवन का एक बड़ा हिस्सा है. हालांकि, एलपीजी सिलेंडर से दुर्घटना हो सकती हैं. इस जोखिम को दूर करने के लिए, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) रजिस्टर्ड एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए बीमा कवरेज देती है. लेकिन कई बार इएलपीजी सिलेंडर बीमा का दावा करने में लोगों को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 

1. जागरूकता की कमी: सबसे बड़ी बाधाओं में से एक उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता की कमी है. बीमा पॉलिसी मौजूद होने के बावजूद, ज्यादातर उपभोक्ताओं को नहीं पता कि वे ऑटोमेटिक रूप से कवर किए गए हैं. उड़ीसा हाई कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को विज्ञापनों और दूसरे आउटरीच प्रयासों के माध्यम से जनता को शिक्षित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए. 

2. गैस एजेंसियों का उपभोक्ताओं को बताना: उपभोक्ताओं को उनके बीमा कवरेज के बारे में सूचित करने की जिम्मेदारी गैस एजेंसियों की है. हालांकि, कई एजेंसियां ​​ग्राहकों को उनके कवरेज के बारे में सूचित करने में विफल रहती हैं. आदर्श रूप से, गैस एजेंसियों को अपने नोटिस बोर्ड पर बीमा पॉलिसी के बारे में डिटेल देनी चाहिए. 

3. डॉक्यूमेंटेशन जरूरी: उपभोक्ताओं को अक्सर दावा दायर करने के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उदाहरण के लिए, मौत के मामलों में, परिवार को डेथ सर्टिफिकेट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और दूसरे कानूनी दस्तावेज जमा करने की जरूरत होती है. प्रॉपर्टी डैमेज के मामले में बिल वगैरह भी लगाना होता है. 

4. प्रोसेस के बारे में जानकारी नहीं होना: कई उपभोक्ता ये नहीं जानते हैं कि ये पूरा प्रोसेस कैसा होगा. ग्राहकों को अक्सर इस बारे में जानकारी नहीं होती है कि वे इसके लिए किस्से बात करें या कहां अप्लाई करें. 

सिलेंडर (फोटो: PTI)
सिलेंडर (फोटो: PTI)

बीमा कवरेज क्या है? 
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, एलपीजी सिलेंडर से संबंधित दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा मिलता है: 

- पर्सनल एक्सीडेंट कवर: एलपीजी दुर्घटना के कारण अगर किसी की मृत्यु हुई है तो प्रति व्यक्ति ₹6,00,000 का पर्सनल एक्सीडेंट कवर मिलता है. इसमें रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं सहित उनके परिवार के सदस्यों को शामिल किया जाता है. 

- मेडिकल खर्चे: पॉलिसी के तहत हर घटना को ₹30,00,000 तक के मेडिकल खर्चे को कवर किया जाता है. इसकी लिमिट प्रति व्यक्ति ₹2,00,000 है. चोटों के मामलों में, तत्काल ₹25,000 तक की राहत दी जा सकती है. 

-संपत्ति का नुकसान: उपभोक्ता के रजिस्टर्ड एड्रेस में अगर एलपीजी सिलेंडर दुर्घटना हुई है तो ₹2,00,000 तक कवर किया जाता है. 

इन सभी के अलावा, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के पास दुर्घटना की स्थिति में थर्ड पार्टी होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए लायबिलिटी इंश्योरेंस कवर भी होता है. 

एलपीजी सिलेंडर इंश्योरेंस के लिए कैसे अप्लाई करें? 
अगर आप या आपके परिवार में किसी के साथ ऐसी दुर्घटना हुई है तो आप इंश्योरेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं: 

-इसके लिए सबसे पहले जैसे ही कोई दुर्घटना हो, अपने एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर को लिखित रूप से सूचित करें. इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर आपकी ओर से ऑयल मार्केटिंग कंपनी और बीमा कंपनी को सूचित करेगा. 

2. आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी देने होंगे. अगर किसी की मौत का मामला है तो डेथ सर्टिफिकेट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कोरोनर की रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट जमा करें. अगर चोट लगी है तो मेडिकल बिल, डॉक्टर का डायग्नोस, और अस्पताल से डिस्चार्ज कार्ड लें. आपको अस्पताल में भर्ती होने और मेडिकल ट्रीटमेंट से संबंधित कोई दूसरे डॉक्यूमेंट भी देने पड़ सकते हैं. वहीं अगर प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा है तो बीमा कंपनी इस नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वे करने वाले को भेजेगी और वह रिपोर्ट बनाएगा. 

3. आपके द्वारा जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद, बीमा कंपनी उसकी योग्यता के आधार पर दावे का आकलन करेगी. एक बार सभी डॉक्यूमेंट जब वेरीफाई हो जाएंगे तो बीमा कंपनी मुआवजा जारी कर देगी. 

सिलेंडर (फोटो: PTI)
सिलेंडर (फोटो: PTI)

किन बातों का रखें ध्यान
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका बीमा दावा खारिज न हो, ISI-चिह्नित सामान जैसे लाइटर, गैस पाइप और रेगुलेटर का उपयोग करना जरूरी है. इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आपका गैस डीलर नियमित रखरखाव की जांच करता ही. इससे न केवल आप इस तरह की दुर्घटना से बचेंगे बल्कि इंश्योरेंस क्लेम करते समय आपका केस मजबूत भी रहेगा.
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