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घोड़ी और बग्घी को छोड़ बुलडोजर पर बैठकर इस दूल्हे ने निकाली अपनी बारात, देखने वाले रह गए दंग

मध्य प्रदेश के बैतूल में हाल ही में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जब एक दूल्हा अपनी शादी में घोड़ी पर नहीं बल्कि बुलडोजर पर बैठा. इस सिविल इंजीनियर दूल्हे का कहना है कि यह उनका सपना था.

Baraat on Bulldozer Baraat on Bulldozer
हाइलाइट्स
  • बुलडोजर पर बैठकर हुई इस दूल्हे की वर निकासी

  • जेसीबी मशीन पर बारात निकालने का था सपना

भारत में दूल्हे का घोड़ी पर बैठना आम बात है. हालांकि, बदलते चलन के साथ अब वर निकासी बग्घी और बाइक आदि पर भी होने लगी है. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे एक दूल्हे को बारे में जिनकी वर निकासी घोड़ी या बाइक पर नहीं, बल्कि बुलडोजर पर हुई है. 

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक अनोखा नजारा देखने को मिला. यहां पर एक सिविल इंजीनियर दूल्हे की वर निकासी बुलडोजर पर हुई. इस बारात को देखकर हर कोई हैरत में पड़ गया. आमतौर पर दूल्हा घोड़ी या बग्घी पर बैठता है लेकिन इस दूल्हे ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए यह नायाब तरीका अपनाया. अब इस बरात का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 

जेसीबी मशीन पर बारात निकालने का था सपना
बैतूल के केरपानी गांव में मंगलवार की रात गाजे- बाजे और चमचमाती लाइट्स के बीच एक बारात निकली. इस बरात में दूल्हा घोड़ी या बग्घी पर नहीं बल्कि बुलडोजर पर बैठा था. दरअसल, दूल्हा अंकुश जायसवाल पेशे से सिविल इंजीनियर हैं. अंकुश टाटा कंसल्टेंसी में कार्यरत हैं. इन दिनों मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं. 

अंकुर की शादी बैतूल के पाढर निवासी स्वाति मालवीय तय हुई थी. मंगलवार को अंकुश कि अपने घर से वर निकासी हुई तो अंकुश दूल्हा बनकर बुलडोजर के आगे लगे बकेट में बैठे. अंकुश का कहना है कि वह पेशे से सिविल इंजीनियर हैं और उनका सपना था कि उनकी बरात जेसीबी मशीन पर निकले. 

परिवार और दोस्तों ने दिया साथ
इस बारे में अंकुश ने परिजनों से बात की. उनके परिवार वाले भी उनकी बात मान गए. और उनकी ख्वाहिश पूरी हो गई.  बुलडोजर पर बरात निकलने से उनकी शादी यादगार बन गई. बुलडोजर पर अंकुश के साथ उनके दोस्त भी बैठे और उन्होंने पूरा एन्जॉय किया. 

उकी बरात घर से हनुमान मंदिर तक पहुंची और इस अद्भुत नजारे को देखकर हर कोई देखकर हैरत में पड़ गया. देखने वालों ने अपने मोबाइल में इस नजारे को कैद कर लिया. 

(रवीश पाल सिंह/राजेश भाटिया की रिपोर्ट)