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Grafting Technique: किसान ने किया अनोखा कमाल, एक ही पौधे पर लगा दिए बैंगन और टमाटर

मध्य प्रदेश के एक किसान ने एक ही पेड़ पर बैंगन और टमाटर लगाकर सबको चौंका दिया है. किसान ने यह कारनामा Grafting Technique से किया है.

Grafting Technique Grafting Technique
हाइलाइट्स
  • YouTube की वीडियो देख मिला आइडिया

  • एक प्रजाति के पौधों की ग्राफ्टिंग 

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक किसान ने ऐसा कमाल किया है कि हर जगह उनकी तारीफ की जा रही है. किसान ने ऐसी तकनीक का उपयोग किया कि एक पेड़ में बैंगन और टमाटर एक साथ उगाए जा रहे हैं. इस पेड़ को लोग बड़े ही आश्चर्य से देख रहे है और इसे अजूबा मान रहे है. लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की भाषा में इसे ग्राफ्टिंग विधि कहा जाता है. 

बैतूल के खेड़ी गांव में रहने वाले किसान देवेंद्र दवंडे खेती में कुछ नया करने के लिए प्रयोग करते रहते है. इन प्रयोग में वह सोशल मीडिया का भी उपयोग करते हैं. देवेंद्र में ऐसा ही एक प्रयोग किया जिसमें एक पेड़ में बैंगन और टमाटर की दो वैरायटी पैदा हो रही हैं.

YouTube की वीडियो देख मिला आइडिया
किसान देवेंद्र दवंडे ने यूट्यूब पर देखकर तमिलनाडु से टर्की बेरी (जंगली भटा) के तीन पौधे मंगाए थे. इसमें किसान देवेंद्र ने ग्राफ्टिंग कर बैंगन और टमाटर लगाए. इस तरह से एक ही पौधे में दो प्रकार की सब्जियां लगी हुई है. तीन महीने पहले किसान ने पौधों की ग्राफ्टिंग की थी और उसके परिणाम बेहतर आ रहे हैं. 

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ग्राफ्टिंग करने के लिए दवंडे ने कृषि वैज्ञानिक से ट्रेनिंग ली. इसके बाद किसान ने जंगली बैंगन का एक पौधा घर और दूसरा भैंसदेही रोड पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में लगाया. प्रयोग के तौर पर पंचमुखी हनुमान मंदिर में जंगली बैंगन में हरे बैंगन और काले बैंगन के पौधे की ग्राफ्टिंग की. इसके बाद हाइब्रिड टमाटर और देशी (छोटे) टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग की. अब उसमें सब्जियां लगने लगी हैं. 

एक प्रजाति के पौधों की ग्राफ्टिंग 
किसान देवेंद्र का कहना है कि इस तरह की ग्राफ्टिंग से लगने वाले पौधों में साल भर में 50 से 100 किलो तक बैंगन, 30 से 40 किलो तक टमाटर पैदा हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि टमाटर का पौधा साल भर फल नहीं देता इसलिए पैदावार कम होती है.

कृषि वैज्ञानिक आरडी बारपेठे का कहना है कि ग्राफ्टिंग सत्यापित विधि है. जो विकसित देश हैं, वहां के किसान इसे बड़े स्तर पर कर एक ही पौधे में चार प्रकार की फसल ले रहे हैं. ग्राफ्टिंग विधि में एक ही प्रजाति के पौधों की ग्राफ्टिंग की जाती है. टमाटर, बैंगन, आलू और मिर्ची एक ही प्रजाति के पौधे हैं, जो ग्राफ्टिंग के बाद आसानी से पनपकर फल देते हैं.

देवेंद्र का कहना है कि भटे का विदेशी पौधा है जिस पर बैंगन और टमाटर की ग्राफ्टिंग की है जिसके कारण एक ही पेड़ पर बैंगन और टमाटर पैदा हो रहे हैं. इसकी जड़ मजबूत होती है जिसके कारण बैंगन चार-पांच साल तक चलता है और टमाटर आठ माह चलता है. यह पेड़ एक सैंपल के लिए तैयार किया है जिसे लोग देखने आ रहे हैं. 

(राजेश भाटिया की रिपोर्ट)