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हिस्ट्रीशीटर रह चुके बेटे ने अपनी जांघ की चमड़ी से मां के लिए बनवाई चप्पलें, देखकर भर आईं सभी की आंखें

उज्जैन में कलयुग का एक ऐसा श्रवण कुमार भी है जिसने अपनी चमड़ी से ही अपनी मां के लिए चरण पादुका बनवाई है. ये श्रवण कुमार कोई आम शख्स नहीं बल्कि जाना माना हिस्ट्रीशीटर बदमाश रौनक गुर्जर है.

हिस्ट्रीशीटर बदमाश ने जांघ की चमड़ी कटवा कर बनवा दी मां के लिए चप्पलें/तस्वीर-India Today हिस्ट्रीशीटर बदमाश ने जांघ की चमड़ी कटवा कर बनवा दी मां के लिए चप्पलें/तस्वीर-India Today

कलयुग में एक तरफ जहां कई बच्चे अपने माता-पिता को बेसहारा छोड़ देते हैं, वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो अपने मां-बाप के लिए जान भी न्योछावर करने से पीछे नहीं हटते. मध्य प्रदेश के उज्जैन में कलयुग का एक ऐसा श्रवण कुमार भी है जिसने अपनी चमड़ी से ही अपनी मां के लिए चरण पादुका बनवाई है. ये श्रवण कुमार कोई आम शख्स नहीं बल्कि जाना माना हिस्ट्रीशीटर बदमाश रौनक गुर्जर है.

जेल जाने के बाद आए बदलाव
रौनक गुर्जर के इस कारनामे के बाद हर कोई उसकी तारीफ करते नहीं थक रहा. रौनक ने अपने जांघ की चमड़ी कटवा कर मां के लिए चप्पलें बनवाई हैं. बता दें, कुछ सालों पहले पुलिस ने रौनक गुर्जर का एनकाउंटर भी किया था जिसमें उसके पैरों पर गोली लगी थी. जेल जाने के बाद रौनक की जिंदगी में बहुत से बदलाव आए हैं. 

रामायण से मिली प्रेरणा
बुधवार को एंबुलेंस से अचानक जब रौनक गुर्जर अपने घर पहुंचा तो सब हैरान रह गए. लेकिन जैसे ही उसने बताया कि उसने अपनी जांघ की चमड़ी काटकर अपनी मां के लिए चरण पादुका बनवाई है तो हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है. बेटे को देखकर मां के आंसू लगातार गिरते रहे. रौनक का कहना है कि रामायण पढ़ कर उसे यह प्रेरणा मिली. बदमाश भक्त की मां ने कहा मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा बेटा मिला! उसके हर दुःख भगवान मेरी झोली में डाल दे. राम भक्त बना रौनक कभी हिस्ट्रीशीटर बदमाश था. कुछ साल पहले फरारी के दौरान पुलिस ने उसके पैर में गोली भी मार दी थी.

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दरअसल यह हैरान कर देने वाला मामला शहर में ढांचा भवन में रहने वाले गुर्जर परिवार के यहां का है. जहां इन दिनों भगवत कथा का आयोजन हो रहा है. राम भजन के दौरान ही रौनक गुर्जर घर पहुंचा और उसने वहां मौजूद लोगों से कहा कि रामायण से प्रेरित होकर उसने अपनी मां के लिए खड़ाऊ बनवाए हैं. ये बात सुनकर मां निरुला गुर्जर ने अपने बेटे रौनक को ढेर सारा आशीर्वाद दिया है.

रौनक ने बातचीत में कहा, मैं कई सालों से रामायण पढ़ रहा हूं और राम जी की सेवा में लगा हूं, इससे मेरा मन प्रसन्न रहता है. राम की भक्ति से बड़ा कुछ नहीं है. एक दोहा है रामायण में जिसमें लिखा है कि मां के लिए अगर खुद के चमड़े का खड़ाऊ भी बनवा दोगे तो कम है. बस उसी से प्रेरित होकर मैंने ये काम किया है.

(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)