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जैन धर्म के लोगों ने पर्युषण पर्व के लिए अपनाया अनोखा तरीका, बच्चे से लेकर बड़ों तक, सभी कर रहे इंटरनेट मुक्त उपवास

जैन धर्म के लोगों में पर्युषण पर्व का बहुत महत्व होता है. इस पर्व के दौरान बहुत से जैन लोग उपवास रखते हैं. इस उपवास के दौरान भक्तों के परमेश्वर के ध्यान में दिन बिताना होता है. लेकिन फोन और इंटरनेट के चलन ने सबकुछ बदल दिया है.

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हाइलाइट्स
  • पर्युषण पर्व के चलते जैन धर्म मे उपवास का सिलसिला है जारी

मोबाइल और इंटरनेट की चकाचौंध ने पूजा और भक्ति को डिजिटल बना दिया है. इस बात को कोई नहीं झुठला नहीं सकता है कि मोबाइल भक्ति और साधना में दखल पैदा करता है. इसलिए जैन समाज ने पर्युषण पर्व के उपवास के लिए नया तरीका अपनाया है और इसे इंटरनेट मुक्त उपवास नाम दिया है. 

पर्युषण पर्व के चलते जैन धर्म मे उपवास का सिलसिला जारी है. लेकिन सब जानते हैं कि लोगों का समय उपवास में भी ईश्वर से ज्यादा मोबाइल पर ध्यान रहकर कट जाता है. 

अब होगा इंटरनेट मुक्त उपवास 
रायसेन जिले के बेगमगंज में पर्युषण पर्व के चलते जैन समाज ने एक तरीका शुरू किया है. जिससे लोग मोबाइल और इंटरनेट से दूर रहें यानी इंटरनेट मुक्त उपवास करें. इस उपवास की हर जगह चर्चा हो रही है. इसके अंतर्गत, सभी लोग, जिनका भी उपवास है वे मोबाइल फोन बंद कर जैन मंदिर में 24 घंटे के लिए जमा कर रहे हैं.  

इसमें बच्चे, युवा, महिला, और पुरुष सभी शामिल हैं. जैन समाज के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि युवाओं में मोबाइल की जो लत लगी हैं, उसी पर काबू पाने के लिए और धीरे-धीरे इस लत को छोड़ने के लिए यह तरीका आजमाया जा रहा है. 

खासकर कि उपवास में फोन, लैपटॉप ओर टीवी जैसी चीजों से दूरी बनाकर असली दुनिया का अनुभव लेना होता है और भगवान के प्रति प्रेम का भाव पैदा करना है. 

(राजेश रजक की रिपोर्ट)