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Mahakumbh 2025: महाकुंभ भगदड़ में गायब हो गए थे खूंटी गुरु, चल रही थी तेरहवीं की तैयारी, फिर हो गया 'चमत्कार'

प्रयागराज के जीरो रोड के रहने वाले खूंटी गुरु महाकुंभ में 28 जनवरी को हुए भगदड़ के बाद से लापता हो गए थे. उनकी काफी खोजबीन की गई. लेकिन वो नहीं मिले. इसके बाद तेरहवीं की तैयारी चल रही थी, तभी अचानक वो प्रकट हो गए. उन्होंने बताया कि इतने दिन कहां थे और क्या कर रहे थे?

Khunti Guru and Mahakumbh 2025 Khunti Guru and Mahakumbh 2025

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में 28 जनवरी को भदगड़ हो गई. जिसमें कई लोगों की मौत हुई. कई लोग अपने परिवार से पिछड़ गए. इस दौरान कई लोग लापता हो गए. प्रयागराज के जीरो रोड के रहने वाले खूंटी गुरु इस भगदड़ के बाद से लापता हो गए. उनकी 13वीं की तैयारी चलने लगी. लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिससे हर कोई हैरान रह गया.

भगदड़ में लापता हो गए खूंटी गुरु-
महाकुंभ में भगदड़ में प्रयागराज के जीरो रोड के रहने वाला खूंटी गुरु लापता हो गए. उस हादसे के बाद से उनका कोई पता नहीं चला. इसके बाद लोग मानने लगे कि भगदड़ में उनकी मौत हो गई है. उनके शुभचिंतकों में दुख व्याप्त हो गया. उनका अपना कोई नहीं था. इसलिए शुभचिंतकों ने उनकी 13वीं का कार्यक्रम रखा.

अचानक प्रकट हुए खूंटी गुरु-
शुभचिंतकों ने तेरहवीं की तैयारी शुरू कर दी. 11 फरवरी का दिन तेरहवीं के लिए रखा गया. उनके एक साथी बिज्जू महाराज ने तेरहवीं आयोजित करने की पूरी जिम्मेदारी ली. तेरहवीं की तैयारी होने लगी. तभी अचानक खूंटी गुरु प्रकट हो गए. इसके बाद तेरहवीं का कार्यक्रम रद्द किया गया.

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कहां थे खूंटी गुरु-
खूंटी गुरु से जब पूछा गया कि वो कहां थे? तो उन्होंने बताया कि वो मेले में साधुओं के साथ समय बिता रहे थे. उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेले में भगवद भजन और भोजन की कोई कमी नहीं थी. इसलिए वो वहीं रह गए. उनका कहना था कि वो साधु-संतों का भजन सुनते रहे और खाना-पीना करते रहे. उनका वापस लौटने का मन ही हो रहा था. इसलिए लौटने में इतने दिन लग गए.

अभय अवस्थी ने पोस्ट की खूंटी गुरु की कहानी-
खूंटी गुरु के लौटने उनके शुभचिंतक खुश हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है, जो निराश हैं. वे ऐसे लोग हैं, जिनकी नजर खूंटी गुरु की एकमात्र कोठरी पर है. जीरो रोड पर अड्डेबाजी के एक सदस्य अभय अवस्थी ने इस पूरे वाक्या का जिक्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर किया है. अभय अवस्थी के मुताबिक खूंटी गुरु की काफी खोजबीन की गई. लेकिन वो नहीं मिले. इसके बाद ही उनकी तेरहवीं की तैयारी चल रही थी. तभी अचानक वो आ गए.

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