
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के कुछ लोग अचानक ही गंजेपन का शिकार हो रहे हैं. क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी को हेयरफॉल की समस्या हो रही है. बच्चों का स्कूल कॉलेज जाना बंद हो गया है, जिनकी शादी थी उनके रिश्ते में अब दिक्कतें आ रही हैं.
अचानक झड़ने लगे लोगों के बाल
11 गांवों के 182 लोगों को बाल झड़ने की समस्या हुई है. शुरुआत में लोगों को उल्टी होती है, मुंह से बदबू आती है, सिर में झनझनाहट होती है, और बाल खींचने पर हाथ में आ जाते हैं. ये सब करीब चार दिन चलता है और पांचवे दिन सिर पर बाल ही नहीं बचते. क्या है इसकी वजह और क्यों अचानक लोग गंजे हो रहे हैं, आइए विस्तार से जानते हैं.
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और मशहूर फिजिशियन डॉ. हिम्मतराव बावस्कर का दावा है कि बाल झड़ने की वजह गेहूं है. डॉ. हिम्मतराव बावस्कर की मानें तो इस इलाके के लोग जो गेहूं खा रहे हैं उसमें सेलेनियम की मात्रा ज्यादा है. इसी के साथ जिंक की मात्रा भी बहुत कम पाई गई है. यह सभी गेंहू की खेप पंजाब से आई थी.
सेलेनियम ज्यादा हो जाए तो हो सकती हैं ये दिक्कतें
डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि उन्होंने एक गांव के सरपंच के घर से गेहूं के सैंपल लिए थे. उनके बाल भी बाकी लोगों की तरह झड़ गए थे. हमने जब गेहूं में सेलेनियम की जांच की तो मात्रा से ज्यादा पाई गई. इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा और जरूरत से कम सेवन दोनों शरीर के लिए ठीक नहीं है. अगर सेलेनियम कम रहा तो हार्ट और कैंसर और पोस्टेड कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है, अगर ज्यादा हुआ तो बाल झड़ना, उल्टी होना, मुंह से बदबू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
कहां ये आया गंजा करने वाला गेहूं
इस गेहूं का हरियाणा और पंजाब में उत्पादन किया गया है. हालांकि गेहूं में सेलेनियम बाहर से नहीं डाला गया है, ना ही गेहूं जिस कंटेनर में आया उसमें सेलेनियम था. हरियाणा और पंजाब में शिवालिक पहाड़ी के झरने से पानी आता है, उस पानी में सेलेनियम होता है, और वह पानी पंजाब में फैलता है. धूप के मौसम में झरने बंद होते हैं और सेलेनियम जमा होता है. बहुत सी जमीन पर तारों से फेंसिंग की हुई है ताकि कोई यहां खेती न करे क्योंकि वहां सेलेनियम ज्यादा है.
पीड़ितों के खून में सेलेनियम की मात्रा ज्यादा
आईसीएमआर ने भी इस पूरे इलाके के लोगों की जांच की तो पाया कि उनके खून मे सेलेनियम की मात्रा ज्यादा थी. आईसीएमआर ने अपनी जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है.
-अभिजीत करंडे की रिपोर्ट