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Auto Pilot Sowing Technique: ड्राइवर के बिना ट्रैक्टर से बुआई कर रहा है यह किसान परिवार, जानिए इस जर्मन तकनीक के बारे में

महाराष्ट्र में अकोला के एक किसान परिवार ने सोयाबीन की बुआई के लिए एडवांस्ड तकनीक का इस्तेमाल करके मिसाल पेश की है. यह किसान परिवार जर्मन की Auto Pilot Sowing Technique का इस्तेमाल कर रहा है.

Sowing is being done using unmanned tractor Sowing is being done using unmanned tractor

महाराष्ट्र के अकोला में किसान आजकल बुआई में व्यस्त हैं. छोटे किसान जहां खुद पूरे खेत में घूमकर बुआई करते हैं तो वहीं ज्यादा जमीन वाले किसान बुआई के लिए ट्रैक्टर संग मशीनों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अकोला में एक जगह कुछ अनोखा ही देखने को मिला है. यहां खेतों में ट्रैक्टर से बुआई हो रही है लेकिन ट्रैक्टर पर कोई किसान बैठा नहीं दिख रहा है. 

जी हां, इलाके में पहली बार मानव विरहित ट्रैक्टर से बुआई हो रही है. भारतीय कृषि में नई तकनीक से बदलाव आ रहा है. अकोला जिले में किसानों ने तकनीक का प्रयोग किया है. अकोला के राजू वरोकर और उनके परिवार ने 'जीपीएस कनेक्ट' सॉफ्टवेयर का उपयोग करके बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर से सोयाबीन की बुआई कर रहे हैं. 

जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया गया
वरोकर परिवार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में पहली बार जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से एक लाइन में सीधी बुआई होती है जो किसानों के लिए सुविधाजनक है. यह 'ऑटो पायलट बुआई तकनीक' है.

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इस तकनीक में ट्रैक्टर से खेत की बुआई करने के लिए ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ती. बुआई काफी सरल और सीधी होती है. इसके लिए जर्मन तकनीक 'RTK' उपकरण लगाया गया है. इस डिवाइस को खेत के एक तरफ रखना होता है. डिवाइस को 'जीपीएस कनेक्ट' के जरिए ट्रैक्टर से जोड़ा जाता है. 

4 से 5 लाख रुपए का है डिवाइस 
यह डिवाइस जर्मनी में बनी है. इसके लिए किसानों को 4 से 5 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. भविष्य में इस प्रयोग के माध्यम से कृषि विभाग अब ज्यादा से ज्यादा किसानों को यांत्रिक बुआई कराने की पहल करेगा. भारतीय कृषि को पुराने तौर-तरीके छोड़कर नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है. इस नई तकनीक से भारतीय कृषि को नया स्वरूप मिल सकता है. 

(धनंजय साबले की रिपोर्ट)