Millets को दुनियाभर में Superfood माना जा रहा है. भारत में बाजरा, ज्वार, कोदो जैसे मिलेट्स पारंपरिक खाने का हिस्सा रहे हैं. हालांकि, इसके अलावा भी मिलेट्स की बहुत सी किस्में हैं जो आजकल न के बराबर उगाई जाती हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसी महिला के बारे में जिन्होंने दुर्लभ मिलेट्स की 30 से ज्यादा किस्मों को सहेजा है.
यह कहानी है रायमती घुरिया की, जिन्हें अक्सर "क्वीन ऑफ मिलेट्स" भी कहा जाता है. उन्होंने न केवल दुर्लभ मिलेट्स की 30 किस्मों को उगाया और संरक्षित किया है, बल्कि इन पौष्टिक अनाजों की खेती में सैकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षित भी किया है.
G20 समिट की खास मेहमान
हाल ही में हुए, G20 शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, चीन, इटली और यूरोपीय संघ जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें एक असाधारण अतिथि शामिल थीं - भारत के ओडिशा के कोरापुट के सामान्य गांव से रायमती घुरिया. आजकल लोग मिलेट्स खाने से ज्यादा व्यापक रूप से बेचे जाने वाले चावल और गेहूं की ओर बढ़ गए हैं. इस चिंता को दूर करने के लिए, आदिवासी किसान, International Millets Year मनाने के लिए कदम उठा रहे हैं, जिसका लक्ष्य इन देशी लेकिन अक्सर उपेक्षित अनाजों में लोगों की रुचि को पुनर्जीवित करना है.
धान की 72 और मिलेट्स की 30 किस्में की संरक्षित
रायमती को जी20 शिखर सम्मेलन में एक सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. G20 शिखर सम्मेलन के दौरान, रायमती को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का अवसर मिला. उन्होंने धान की कम से कम 72 पारंपरिक किस्मों और मिलेट्स की 30 किस्मों को संरक्षित किया है, जिनमें कुंद्रा बाटी, मंडिया, जसरा, जुआना और जामकोली शामिल हैं. हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रायमती ने केवल कक्षा 7 तक पढ़ाई की है.
जब उनसे उनकी प्रेरणा के बारे में पूछा गया, तो रायमती ने 70 वर्षीय कमला पुजारी का उल्लेख किया, जिन्हें अपने पूरे जीवन में धान के बीज की सैकड़ों किस्मों का संरक्षण करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. 16 साल की उम्र में शादी होने के बावजूद, रायमती ने खेती में रुचि कभी नहीं खोई. उन्होंने मिलेट्स इकट्ठा करना और संरक्षित करना जारी रखा. वर्तमान में अपनी चार एकड़ भूमि पर मिलेट्स की खेती करते हुए, रायमती बेहतर तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, जिससे उनकी मिलेट्स की खेती की उपज और गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है.
2500 से ज्यादा किसानों को दी ट्रेनिंग
अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए, रायमती ने अपने समुदाय के 2,500 अन्य किसानों को Millets Farming की तकनीक अपनाने के लिए प्रशिक्षित करने की पहल की है. ओडिशा की Millets Queen के रूप में जानी जाने वाली रायमती अपने हर दिन के खाने में बाजरा के महत्व पर जोर देती हैं. मिलेट्स, जैसे फिंगर मिलेट (मंडिया) का उपयोग चपाती, डोसा जैसे स्नैक्स और नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के लिए दलिया बनाने के लिए किया जाता है.
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, रायमती ने मिलेट्स से तैयार किए गए पाक व्यंजनों के बारे में जानकारी साझा की. मिलेट्स की खेती उनके लिए एक बदलाव लाने वाला अनुभव रही है, जिससे उन्हें महिला किसानों और किसान-उत्पादक कंपनियों के एक स्वयं सहायता समूह का नेतृत्व करने का मौका मिला.
फार्म स्कूल की स्थापना
रायमती ने अपने गांव में एक फार्म स्कूल की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने 2012 से इस उद्देश्य के लिए अपनी पैतृक पारिवारिक भूमि का योगदान दिया है. इस स्कूल के माध्यम से, वह सक्रिय रूप से लोगों को मिलेट्स की खेती के वैज्ञानिक अभ्यास में प्रशिक्षित करती हैं, जिससे उन्हें बेहतर आय अर्जित करने में मदद मिलती है.