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मिलिए कश्मीर की Snake Lady आलिया मीर से...जो घाटी में जहरीले सांपों को करती हैं रेस्क्यू, हाल ही में वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार से किया जा चुका है सम्मानित

कश्मीर की आलिया मीर को वहां Snake Lady के नाम से जाना जाता है. आलिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के क्षेत्रीय आवास से एक जहरीले सांप लेवेंटिन वाइपर का शिकार करने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम का नेतृत्व किया था.

Aaliya Mir (Source: Wildlife SOS) Aaliya Mir (Source: Wildlife SOS)

वन पृथ्वी के एक तिहाई भूभाग में फैले हुए हैं. ये 80 प्रतिशत से अधिक प्रजातियों का निवास हैं और उन्हें पालने का काम कर रहे हैं. इन्हें सहेजना हमारा कर्तव्य है. फिर वहीं दूसरी तरफ आता है कश्मीर. कश्मीर के बारे में अगर आप कभी आंख बंद करके सोचेंगे तो आपके दिमाग में पहली बार में जंगली जानवर और रेपटाइल्स तो बिल्कुल नहीं आएंगे. लेकिन आपको बता दें कि देश के बाकी हिस्सों की तरह कश्मीर में भी मानव-पशु संघर्ष की समस्या है, जो केवल बदतर होती जा रही है.

यही एक वजह है जिसने वन्यजीव संरक्षणवादी आलिया मीर को डेढ़ दशक से भी अधिक समय से सक्रिय रखा है. वाइल्डलाइफ एसओएस की प्रोग्राम हेड और एजुकेशन ऑफिसर आलिया कश्मीर की पहली महिला वाइल्डलाइफ रेस्क्यूअर भी हैं. वह विज्ञान और गणित में डबल पोस्टग्रेजुएट हैं. जब आलिया एक छात्रा थीं तभी उन्होंने खुद को एक एनजीओ के साथ जोड़ लिया था और तभी से वो वॉलेंटियर के तौर पर उनके साथ काम कर रही थीं.  

पति ने इस फील्ड से कराया परिचित
आलिया के पति एक पशु चिकित्सक हैं और वहीं से आलिया की दिलचस्पी भी इस ओर बढ़ चली. उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ मिलकर काम किया है और आलिया को भी इस क्षेत्र से परिचित कराया. एक मीडिया वेबसाइट से बात करते हुए आलिया ने कहा, ''साल 2004 के आसपास, मैंने वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ अभियानों, फंडरेसर और आवारा पशुओं की देखभाल करने जैसे काम स्वेच्छा से करना शुरू किया. मैं 2006 में एक पूर्णकालिक कर्मचारी के रूप में एनजीओ में शामिल हुई." 

उस समय मानव-पशु संघर्ष, जिसमें ज्यादातर भालू शामिल थे, घाटी में दोनों पक्षों के नुकसान के साथ बढ़ रहे थे. जनवरी 2006 में एक भालू जो मानव आवास में भटक गया था, मारा गया था. यह एक ऐसी घटना थी जिसने आलिया को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था. मेरा पहला काम मानव-पशु संघर्ष में वृद्धि और इसके शमन के कारणों का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया था. 2006 में उन्होंने घायल जानवरों को बचाने और उनके पुनर्वास के लिए अपना पूर्ण कार्य भी शुरू कर दिया.

कश्मीर की पहली Snake Rescuer
आलिया घाटी में ऐसा करने वाली पहली महिला है. तब से लेकर अब तक आलिया ने एशियाई काले भालू, हिमालयी भूरे भालू, पक्षी, तेंदुए और अन्य स्तनधारियों को बचाया है.लेकिन वह सांपों के साथ अपने काम के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती हैं. पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने रसोई, लॉन, बगीचों और घरों के शौचालयों, सरकारी भवनों और कार्यालयों, स्कूल और विश्वविद्यालय परिसरों, और वाहनों के टायरों और इंजनों जैसी जगहों से सांपों को निकालकर रेस्क्यू किया है. आलिया तब और सुर्खियों में आई जब उनके नेतृत्व में वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने एक घंटे के ऑपरेशन में तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास से एक बहुत ज्यादा जहरीले सांप, लेवेंटाइन वाइपर को बचाया और सुरक्षित रूप से वापस जंगल में छोड़ दिया. यह अब तक मिले वाइपर में से सबसे अधिक भारी था और इसका वजन लगभग 2 किलो था.

पहले लगता था डर
आलिया ने स्वीकार किया कि सांप और जंगली जानवरों के डर को दूर करना एक बहुत ही मुश्किल काम था. खासतौर पर शुरूआती दिनों में उन्हें इन सबसे बहुत डर लगता था. आलिया ने इंडिया टाइम्स के हवाले से कहा, "एक बार जब आप इन जानवरों और सरीसृपों के साथ मिलकर काम करना शुरू करते हैं और उन्हें और अधिक जानते हैं, तो डर दूर हो जाएगा. मैंने भालू, तेंदुए, सांप और पक्षियों को करीब से देखा है, और वे मुझे एक विशेष अनुभूति देते हैं. मेरा मानना ​​है कि भगवान ने मुझे इन जानवरों की सेवा करने का मौका दिया है." 

मनोज सिन्हा ने किया सम्मानित
आलिया मीर कश्मीर की पहली महिला हैं जो चैरिटी वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के लिए काम करती हैं, वह वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू टीम का हिस्सा है. लेफ्टिनेंट मनोज सिन्हा ने उन्हें वन्यजीव सम्मान प्रदान किया है. आलिया मीर को जम्मू और कश्मीर सामूहिक वन द्वारा आयोजित विश्व वानिकी दिवस समारोह में सम्मानित किया गया.

पहले घाटी में नहीं थे इतने सांप
कश्मीर के स्थानीय लोगों में सांपों के बारे में जागरूकता की कमी है क्योंकि हाल तक वे घाटी में इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे.सांप ठंडे खून वाले जीव होते हैं और हाल तक कश्मीर में ज्यादा प्रजातियां नहीं पाई जाते थे. लेकिन तेजी से हो रहे शहरीकरण और जलवायु परिस्थितियों में बदलाव के कारण हम ज्यादा से ज्यादा सांप देख रहे हैं, जिनमें जहरीले और गैर विषैले भी शामिल हैं.वाइल्डलाइफ एसओएस में शिक्षा अधिकारी के रूप में, आलिया के काम में स्थानीय लोगों के बीच मानव-पशु संघर्ष और शमन के बारे में जागरूकता पैदा करना भी शामिल है.