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World's Shortest Doctor: मिलिए विश्व के सबसे कम हाइट वाले डॉक्टर गणेश से...एक साल की इंटर्नशिप के बाद बाद करेंगे आगे की पढ़ाई

गणेश ने बचपन से ही तय कर लिया था कि वह डॉक्टर बनना चाहते हैं. उन्होंने स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त किए और फिर बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी डिग्री (एमबीबीएस) के लिए आवेदन किया और राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में अच्छा स्कोर किया.

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गुजरात में तलाजा तालुका के गोरखी गांव में जन्मे डॉक्टर गणेश बारैया एक बार फिर चर्चा का केंद्र बने हैं. विश्व के सबसे कम हाइट वाले डॉक्टर होने का बहुमान प्राप्त कर 23 वर्षीय गणेश बारैया ने गुजरात समेत भारत का नाम रोशन किया है. गणेश अब गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, भावनगर से MBBS की पढ़ाई पूरी कर इंटर्नशिप शुरू कर चुके है.तीन फिट हाइट,18 किलो वजन वाले डॉक्टर गणेश की इंटर्नशिप दो दिन पहले ही शुरू हुई है. अगले एक साल बाद यानी कि मार्च 2025 में डॉक्टर गणेश की इंटर्नशिप पूरी होगी.

NEET PG 2025 का एग्जाम देंगे
MBBS की पढ़ाई पूरी कर इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर गणेश ने बताया कि इंटर्नशिप के बाद NEET PG 2025 का एग्जाम देकर मेडिसिन,पीडियाट्रिक,डार्मेटोलोजिस्ट या फिर साइकियाट्रिक क्षेत्र में आगे  की पढ़ाई करना चाहते हैं. डॉक्टर बनने के इस सफर में स्कूल के संचालक,मेडिकल कॉलेज के डीन के साथ उन्हें प्रोफेसर समेत अपने कई दोस्तों का भी बहुत सपोर्ट मिला है. उन्होंने आगे कहा, "मैं डॉक्टर बन सकता हूं. इस बात की प्रेरणा मेरे स्कूल के संचालकों की तरफ से प्राप्त हुई और MCI ने जब MBBS में प्रवेश से मना किया था तब हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने में सहयोग भी स्कूल संचालकों ने ही किया था."

3 फिट हाइट की वजह से किया मना 
डॉक्टर गणेश बारैया की कहानी बड़ी रोचक है.उनके संघर्ष की बात करें तो मेडिकल के अभ्यास के लिये गणेश ने साल 2018 में 12वीं साइंस के साथ NEET में सफलता हासिल की. लेकिन उनके छोटे कद की वजह से MCI द्वारा उन्हें मेडिकल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था. इसके बाद गणेश के स्कूल के संचालकों ने MCI के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करने के लिए कहा. डॉक्टर गणेश कहते है कि हाईकोर्ट से हम केस हार गए,जिसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय किया.इसके बाद 23 अक्टूबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हमें राहत दी.कोर्ट ने कहा, 'कम हाइट होने के बावजूद आपको मेडिकल क्षेत्र में पढ़ाई के लिए प्रवेश मिल सकता है.'सुप्रीम के आदेश से मैंने भावनगर स्थित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया.इसके बाद 01 अगस्त 2019 को MBBS में प्रवेश लेकर उ्न्होंने पढ़ाई शुरू की. उस वक्त तीन फिट हाइट वाले गणेश का वजन सिर्फ 16 किलो था.

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कॉलेज और दोस्तों ने काफी की मदद
गणेश कहते है कि हाइट कम होने की वजह से रोजाना कामकाज में कुछ मुसीबत तो होती है.स्कूल के समय में मुझे जो भी समस्या होती तो उसको लेकर संचालकों ने मेरे लिये अलग से सुविधा करके दी थी. मेडिकल अभ्यास की प्रैक्टिकल एग्जाम में समस्याए हुई तो उसमें भी कॉलेज के डीन की तरफ से सहयोग प्राप्त हुआ.कॉलेज के प्रोफेसरों द्वारा भी जब प्रैक्टिकल कराया जाता है,तब मुझे विशेष सहयोग मिलता रहता है.गणेश कहते हैं कि जरूरत पड़ने पर कॉलेज के दोस्त भी सपोर्ट करते हैं.एग्जाम में आगे बैठने के लिए दोस्तों की तरफ से हमेशा कहा जाता है.

बता दें कि डॉक्टर गणेश विश्व के सबसे कम हाइट वाले डॉक्टर होने की वजह से समय-समय पर उन्हें अलग-अलग कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाता रहा है.पिछले सितंबर में ताइवान के प्रेसिडेंट द्वारा डॉक्टर गणेश बारैया को सम्मानित किया गया था. इसके अलावा राज्य सरकार के शिक्षा विभाग समेत सामाजिक या अन्य कार्यक्रमों में गणेश को सम्मानित किया जाता रहा है.

चाचा के पांच लड़के भी हैं डॉक्टर
डॉक्टर गणेश कहते है कि डॉक्टर बनने का सपना बहुत पहले ही देख लिया था.12वीं में साइंस की पढ़ाई करते समय उन्हें स्कूल के संचालकों से बहुत सपोर्ट मिला.गणेश ने बताया कि तब उनके साथियों ने उनसे कहा था कि तुम मेहनत करो और कम हाइट वाले डॉक्टर बन जाओ. इस हिसाब से तुम्होरे नाम विश्व रिकॉर्ड बन जाएगा. इस बात से उन्हें मेहनत करने की काफी प्रेरणा मिली.बता दें कि हमेशा हंसते चेहरे के साथ लोगों से मिलने वाले डॉक्टर गणेश के परिवार में माता-पिता,सात बड़ी बहनें और एक छोटा भाई है.पिता खेती का काम करते है.गणेश की सातों बहनों की शादी हो चुकी है.छोटा भाई B.ed की पढ़ाई कर रहा है.गणेश के अलावा उनके अलग-अलग चाचा के कुल पांच लड़के भी डॉक्टर है.

दोस्तों को भी था सफलता पर संदेह
गणेश बारैया के साथ मेडिकल का अभ्यास करने वाले उसके दोस्त कहते है कि तीन फिट हाइट वाले हमारे दोस्त गणेश को जब पहली बार हमने कॉलेज में देखा तो हमने यही सवाल किया कि ये कैसे मेडिकल की पढ़ाई कर पाएगा.हमें था कि पढ़ाई करना ठीक है लेकिन इस कद के साथ मेडिकल में जरुरी सारें काम वो कैसे करेगा? हालांकि वक्त के साथ वो सफल होता गया.अपने काम के अलावा हमारे कामों में भी वो हमें मदद करते रहे.

(अतुल तिवारी की रिपोर्ट)