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Inspiring Story: परिवार से बिछड़ कर भोपाल पहुंचा मानसिक तौर पर विक्षिप्त युवक, लंदन में बैठे युवाओं ने मिलाया परिजनों से

सोशल मीडिया कैसे किसी को नया जीवन दे सकती है इसकी बानगी देखने मिली मध्य प्रदेश में. यहां शहडोल में रहने वाले गुमशुदा व्यक्ति को लंदन के युवाओं ने ढूंढ निकाला.

Family met their lost son Family met their lost son

मध्य प्रदेश में एक ऐसी घटना सामने आई है जो आपको भावुक भी कर देगी और आपके निए प्रेरणा भी बनेगी. दरअसल, शहडोल निवासी विष्णु राम सोनी लगभग चार महीने पहले अज्ञानतावश भोपाल पहुंच गया. विष्णु कम पढ़ा लिखा है और उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी. विष्णु की बूढ़ी मां और परिवार उसे शहर और आस पास ढूंढते रहे. शहर भर के स्कूल और मंदिर भी छान डाले लेकिन विष्णु का कोई पता नहीं चला. विष्णु के इस तरह से गुमशुदा हो जाने के बाद ढूंढने में नाकाम रहे परिवार ने भी हार मान ली थी।
    
दूसरी तरफ, विष्णु कई शहरों होते हुए किसी तरह भोपाल पहुंच गया. भोपाल में बस स्टैंड के आसपास वह घूमता रहता। उसी समय वहां पर भागवत आचार्य पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी और बागेश्वर सरकार की बारी-बारी से कथा का आयोजन हुआ जहां से उसे खाना-पीना मिल जाता था. आसपास के लोग उसे देख अनुमान लगाते की वह कथा वाचकों की टीम के साथ यहां आया है. लेकिन कथा समाप्त होने के पश्चात भी जब विष्णु राम सोनी इस स्थान के आसपास ही घूमता रहा तो कॉलोनी निवासियों का ध्यान उसकी ओर गया. 

यह महिला बनी मसीहा 
धीरे-धीरे ठंड भी बढ़ चुकी थी, ठंड में ठिठुरते विष्णू राम सोनी पर भोपाल में ही अयोध्या बाईपास के पास ही शॉप चलाने वाली सोनाली जोडे नामक एक महिला का ध्यान गया. ठंड में ठिठुरते देख सोनाली ने उसे ठंड के कपड़े, दरी, और कंबल आदि दिया.  सोनाली उसे खाना भी देने लगीं.  सोनाली जोडे के बार-बार पूछने पर भी कि आपका नाम क्या है, आप कहां से आए हो, आप कहां के निवासी हो, विष्णु कुछ ना बता पाता, फिर एक दिन उन्होंने एक पेन और कॉपी देकर उससे कहा कि तुम कहां के हो लिखकर बताओ. तो उसने बड़ी मुश्किल सं शहडोल लिखा. फिर उन्होंने उससे पूछा की शहडोल में रहने वाले किसी व्यक्ति का नाम जानते हो तो उसने संतोष लोहानी लिखा. 

फिर क्या था सोनाली ने लंदन में रहने वाली अपनी बेटी नेहा को यह सब बताया. नेहा ने फेसबुक पर संतोष लोहानी शहडोल को सर्च किया और लंदन में रह रहे मध्य प्रदेश के लोगों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में यह बात लिखकर शेयर की. इसी व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य शहडोल के अभिषेक काबरा ने जब शहडोल से संबंधित बात को सुना तो उन्होंने भी विष्णु के परिवार को खोजने का प्रयास किया. अभिषेक ने शहडोल में रह रहे अपने पिताजी को फोन किया और संतोष लोहानी जी से मिलने की बात कही. अभिषेक काबरा के पिता श्री रमेश काबरा संतोष लोहानी से मिले।
   
इस तरह मिला परिवार
रमेश काबरा जी से मिलने के बाद उसी वार्ड के पूर्व पार्षद संतोष लोहानी ने गुमशुदा विष्णु राम सोनी की फोटो व्हाट्सएप के माध्यम से मंगाई और फोटो देखते ही वह पहचान गए, क्योंकि जिस वार्ड क्रमांक 18 का विष्णु राम सोनी निवासी है संतोष लोहानी इस वार्ड के पार्षद भी रह चुके हैं. संतोष लोहानी तत्परता के साथ विष्णु राम सोनी के परिवार जनों के पास गए उन्हें फोटो दिखाई और पूरा मामला जाना और उनके परिवार को यहां से भोपाल विष्णु राम सोनी को लेने के लिए भेजा.

इस तरह से भोपाल निवासी सोनाली, उनके सहयोगी राहुल यादव और अन्य भोपाल निवासियों के सहयोग से शहडोल के विष्णु सकुशल अपने परिवार जनों से मिल पाए. अब विष्णु को घर में पाकर उसके परिजन बहुत खुश हैं. घर आकर और अपनी मां से मिलकर विष्णु भी बहुत खुश है. 

(रविंद्र शुक्ला की रिपोर्ट)