केरल के कन्नूर में बारिश के पानी के लिए गड्ढा खोद रहे मनरेगा मजदूरों के काम में 'सुनहरी' बाधा तब पड़ी जब उन्होंने अनजाने में करीब 200 साल पुराना खजाना खोद निकाला. कन्नूर के चेंगलई में एक निजी जमीन पर काम करते हुए इन महिला मजदूरों को यह खजाना मिला. यह खजाना पुरातत्व विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है. फिलहाल इसके स्रोत का पता नहीं चल सका है, लेकिन शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि खजाना 200 साल पुराना है.
"हमें लगा बम है..."
पीटीआई की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला मजदूरों को चेमगाई पंचायत केमें मौजूद परिप्पई गवर्मेंट एलपी स्कूल के पास एक निजी प्रॉपर्टी पर खुदाई करते हुए एक कंटेनर मिला. महिलाएं पहले-पहल समझ नहीं पाईं कि वह क्या है. शुरुआत में उन्हें लगा कि यह कोई बम है. कुछ को यह भी लगा कि वह काला जादू है. हालांकि बहुत हिम्मत करने के बाद ही वह खजाने के पास जा सकीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि उस कंटेनर में 17 मोती, 13 अशरफियां, एक जोड़ी झुमके, चांदी के सिक्के और चार प्राचीन पदक मौजूद थे. माना जा रहा है कि ये पदक पारंपरिक आभूषण 'काशुमाला' का हिस्सा हैं. शनिवार को जब यह घटना सुर्खियों में बदली तो महिला मजदूरों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि कंटेनर के अंदर बेशकीमती गहने या सिक्के होंगे.
पीटीआई ने एक महिला के हवाले से कहा, "हमने गड्ढे के अंदर कुछ चमकता हुआ देखा... यह एक पुराना कंटेनर था. हमने पहले सोचा कि यह एक बम है. फिर हमें संदेह हुआ कि यह कोई काला जादू है." दूसरी ओर, टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक आशिता नाम की एक महिला मजदूर के हवाले से लिखा, "सोने और चांदी का सामान देखकर हम हैरान रह गए. हमें समझ नहीं आया कि क्या करना है. हमने पंचायत प्रधान को इसके बारे में बताया."
पुलिस ने जब्त किया खजाना
पंचायत अधिकारियों ने फौरन पुलिस को इसकी जानकारी दी. खोज की सूचना मिलने के बाद, पुलिस मौके पर पहुंची और "खजाना" अपने कब्जे में ले लिया. बाद में पुलिस ने स्थानीय अदालत के समक्ष सारा सामान पेश किया. आगे के निरीक्षण के लिए क्षेत्र में पहुंचे एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा कि खुदाई में मिली सभी वस्तुएं अदालत के समक्ष पेश की गई हैं.
उन्होंने कहा, "हमने पहले ही पुरातत्व विभाग को खोज के बारे में सूचित कर दिया है. क्षेत्र में और अधिक खोज करना उन पर निर्भर है. उनकी जांच से खोजी गई वस्तुओं की प्राचीनता का पता चल जाएगा." स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बीच, शनिवार की सुबह उसी संपत्ति में तीन और चांदी के सिक्के और एक सोने का मोती मिला.
पुरातत्व विभाग ने कहा, 200 साल पुरानी अशरफियां
पुरातत्व विभाग की एक शुरुआती जांच से पता चला है कि ये खजाना करीब 200 साल पुराना है. पुरातत्व विभाग इस खोज को लेकर विस्तृत जांच शुरू कर सकता है. विभाग देखना चाहता है कि क्या क्षेत्र में ऐसे और भी खजाने मौजूद हैं या नहीं. पुरातत्व विभाग इस कथित खजाने की सत्यता की जांच भी करेगा.
पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "जहां ये सामान पाया गया वहां का कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है. हो सकता है यह किसी की निजी संपत्ति हो. यह हम जांच के बाद ही बता सकेंगे."