
पुरातत्वविद समय-समय पर नई-नई खोज करते रहते हैं. अब इसी कड़ी में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 1,500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग और 1,800-2,000 साल पुराने मानव निर्मित जलस्रोत मिले हैं. एएसआई का कहना है कि आज का टाइगर जोन सबसे पुराने व्यापार मार्ग का हिस्सा था, जहां से गुजरने वाले व्यापारी रॉक-कट गुफाओं को आश्रय के रूप में इस्तेमाल करते थे.
एएसआई के एक अधिकारी ने टीओआई को बताया, "ऊंचाई पर बने जलस्रोतों की मौजूदगी और बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने से पता चलता है कि बस्ती में एक आधुनिक समाज था. जलस्रोत 1,800-2,000 साल पुराने हो सकते हैं, लेकिन सबूत बताते हैं कि 1,000 साल पहले कुछ नवीनीकरण हुआ था.”
आधुनिक समाज की हुई खोज
बांधवगढ़ में पुरातात्विक खजाने का पता लगाया जा रहा है. पहली बार, मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व में लगभग 1,500 साल पुरानी एक रॉक पेंटिंग, 2,000 साल पुराने जलप्रपात और आधुनिक समाज के होने का साक्ष्य मिला है. इसकी देखरेख एएसआई सुपरिटेंडेंट इंजीनियर शिवकांत बाजपेयी ने टीओआई को बताया कि जिस क्षेत्र को अब बांधवगढ़ कहते हैं, वह एक व्यापार मार्ग का सबसे अधिक संभावित हिस्सा था, और इस रास्ते से गुजरने वाले व्यापारी यहां ठहरते थे.
शिवकांत बाजपेयी ने कहा, "कई मानव निर्मित जल निकायों का होना इस बार का प्रमाण है कि यहां आधुनिक समाज के लोग रहते थे. ये जल निकाय ऊंचाई पर बने थे और बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए इनका उपयोग किया जाता था. ये लगभग 1,800-2,000 साल पुराने हो सकते हैं.”
रॉक कट गुफा भी मिली है
शिवकांत बाजपेयी ने आगे कहा कि रॉक आर्ट के बारे में अनोखी बात यह है कि यह रॉक-कट गुफा में मिली थी. आमतौर पर इस तरह की रॉक आर्ट प्राकृतिक गुफाओं या ओवरहैंग्स में पाई जाती हैं. ऐसा पहली बार है जब इस क्षेत्र में रॉक पेंटिंग मिली है. यह ऐतिहासिक युग की पेंटिंग नहीं है, बल्कि लगभग 1,500 साल पुरानी हो सकती है. पेंटिंग का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है. इसमें एक जानवर भी दिख रहा है.
30 जून तक चलेगी ये खोज
बांधवगढ़ की ताला रेंज में खोज के दूसरे चरण के दौरान चट्टानों को काटकर बनाई गई ग्यारह गुफाएं सामने आई हैं. ये सर्वे 1 अप्रैल से शुरू हुआ था और 30 जून तक चलेगा. पिछले साल, एएसआई ने 20 मई से 27 जून के बीच इसी रेंज में 26 प्राचीन मंदिरों/अवशेषों, 26 रॉक-कट गुफाओं, दो मठों, दो स्तूपों, 24 शिलालेखों, 46 मूर्तियों, 20 बिखरे हुए अवशेषों और 19 की खोज की थी.
गौरतलब है कि पचास गुफाएं पहले खोजी गई थीं, पिछले साल 26 और इस साल अब तक 11 मिली हैं. एक गुफा में, लकड़ी के राफ्ट का उपयोग करने के लिए छेद भी पाए गए हैं.