
मुरादाबाद पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. बुधवार सुबह उन्होंने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को विजिलेंस विभाग का एडिशनल कमिश्नर बताकर लोगों पर रौब झाड़ता था, आरोपी कुलदीप कुमार शर्मा नीली बत्ती लगी गाड़ी में घूमता था. पुलिस ने उसे दबोचकर उसकी कार और फर्जी आईडी बरामद कर ली है. ठग के पास से पुलिस ने एडिशनल कमिश्नर लिखा एक फर्जी पहचान पत्र भी बरामद हुआ है. जिसमें ठग पुलिस की यूनिफार्म पहने नजर आ रहा है, पुलिस हमने गाड़ी भी बराबर की है जिसमें वह नीली बत्ती लगाकर रॉब दिखता था.
नीली बत्ती वाली गाड़ी से किया अपहरण
एसपी सिटी रण विजय सिंह ने बताया कि 10 मार्च को रामपुर रोड पर फ्रेंडस अपार्टमेंट निवासी सुहैल ने पुलिस से शिकायत की थी कि नीली बत्ती लगी कार सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था. अपहरण करके उसे बिजनौर ले गए थे. जहां उसके साथ मारपीट की गई और जमीन के एक विवाद में समझौता करने के लिए धमकाया गया.
फर्जी आईडी कार्ड भी मिला
इस मामले में कटघर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी, पहले यह आदमी गवर्नमेंट जॉब में था फिर वहां से बर्खास्त किया गया था. उसने अपने आधार कार्ड में पुलिस यूनिफॉर्म का लगाया था, उसने अपना नाम दिव्या प्रकाश शुक्ला नाम रखा हुआ था. इसका ओरिजिनल नाम कुलदीप शर्मा है, उसकी कार पर नीली बत्ती लगी थी और उसके पास से एडिशनल कमिश्नर SIB का फर्जी आईडी कार्ड भी मिला है.
पूछताछ में आरोपी ने ये कबूल किया है कि असल में वह विजिलेंस अधिकारी नहीं है, और वह रौब झाड़ने के लिए फर्जी आईडी और नीली बत्ती वाली गाड़ी का इस्तेमाल करता था और जमीन विवाद में खुद को जोड़कर पैसे ऐंठता था.
कैसा चल पता फर्जी अफसर का
एक जमीला मामले को लेकर फैसले के बाद विवाद हो गया जिसके बाद बात जब पुलिस तक पहुंची तो कुलदीप ने अपनी फर्जी आईडी दिखाई,हालांकि, पुलिस को शक हुआ और जब सुहैल नाम के युवक ने अपहरण व धमकी की शिकायत दी, तो जांच में पूरा मामला खुलकर सामने आ गया.
-जगत गौतम की रिपोर्ट