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मोतिहारी प्रशासन ने पेड़ों को बचाने के लिए चलाई मुहिम, 100 साल पुराने पेड़ों की देखरेख के लिए मिलेगी पेंशन

पेड़ों को बचाने के लिए मोतिहारी प्रशासन ने अनोखी मुहिम चलाई है. प्रशासन पेंशन देने की योजना पर काम कर रहा है. 100 पुराने पेड़ों की देखभाल के लिए हर महीने 400 रुपए की पेंशन देने की योजना है.

पेड़ों को बचाने के लिए मोतिहारी प्रशासन ने चलाई मुहिम पेड़ों को बचाने के लिए मोतिहारी प्रशासन ने चलाई मुहिम
हाइलाइट्स
  • पेड़ बचाने के लिए मोतिहारी प्रशासन की अनोखी पहल

  • 100 पुराने पेड़ों की देखरेख के लिए पेंशन की योजना

महात्मा गांधी के चंपारण मे एक नई मुहिम की शुरुआत हुई है. मोतिहारी प्रशासन ने एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत पेड़ों को पेंशन दी जाएगी. जो पेड़ 100 साल पुराने हैं, उनको पेंशन देने की तैयारी है. इस योजना के तहत हर पेड़ को 400 रुपए दिए जाएंगे. 
मोतिहारी प्रशासन पेड़ों को बचाने के लिए एक आंदोलन की शुरुआत कर रहा है. जिसके तहत पेड़ों को बचाने, उनको संरक्षित करने और उनकी लंबी उम्र के लिए कई तरह की योजनाओं पर काम हो रहा है, ताकि इंसानों को ऑक्सीजन देने वाली इन अनमोल धरोहरों को बचाया जा सके. मोतिहारी में करीब 12 हजार पेड़ों को संरक्षित करने के लिए जियो टैगिंग की गई है. अब तक करीब 53 हजार पेड़ों को संरक्षित किया जा चुका है. इस मुहिम की अगुवाई मोतिहारी जिलाधिकारी शिर्षत कपिल अशोक कर रहे हैं.

ऐप के जरिए संरक्षण-
इस योजना के सफल बनाने के लिए प्रशासन दो तरीके से काम कर रहा है. एक डिजिटल तरीके से और दूसरा फील्ड के जरिए. डिजिटल माध्यम के तहत पेड़ों को संरक्षित करने के लिए ऐप लॉन्च किया गया है. इस ऐप का नाम पर्यावरण प्रहरी है. जिसमें 50 साल से अधिक पुराने 21 प्रजाति के पेड़ों की जियो टैगिंग की गई है. प्रशासन इन पेड़ों के रखरखाव और देखरेख की जिम्मेदारी आम लोगों को दे रहा है. इसमें एक योजना गार्जियन ऑफ चंपारण को भी जोड़ा गया है. ये यूट्यूब पर भी उपलब्ध है. इसे कहीं से भी देख और समझ सकते हैं. इस योजना के तहत बच्चों, पत्नी, माता-पिता या किसी के नाम पर पेड़ों को गोद ले सकते हैं और इनका संरक्षण कर सकते हैं. इस योजना के तहत 53500 पेड़ों को उनके संरक्षक को सौंप दिया गया है. जबकि 12 हजार पेड़ों की जियो टैगिंग की गई है.

फील्ड योजना के तहत संरक्षण-
फील्ड में जाकर भी पेड़ों को संरक्षित किया जा रहा है. इसके तहत 18 पुराने पेड़ों की जड़ों पर मिट्टी की भराई की गई है. इतना ही नहीं, शिक्षा विभाग की मदद से वृक्ष पाठशाला चलाया जा रहा है. इसमें लोगों को पेड़ों की अहमियत के बारे में बताया जा रहा है. इसके साथ ही जीविका दीदियों के साथ इन पेड़ों का रक्षाबंधन करवाया जा रहा है. दिवाली पर दीपोत्सव भी किया गया, ताकि लोगों में पेड़ों के प्रति सम्मान बढ़ सके और लोगों नें पेड़ों को लेकर जागरुकता आए.

गार्जियन ऑफ ट्री योजना-
इस योजना को जीविका दीदियां चला रही हैं. इसके तहत 100 साल पुराने 100 पेड़ों को नया जीवन देने और संरक्षित करने के लिए पेंशन योजना चलाई गई है. इसके लिए जीविका समूहों को जिला प्रशासन से हर महीने 400 रुपए पेंशन मिलेगा. ताकि इन पुराने और कीमती धरोहरों को समय-समय पर खाद-पानी मिलता रहे.

(मोतिहारी से सचिन पांडेय की रिपोर्ट)

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