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MP High Court: 'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहने वाले को अनोखी शर्त पर मिली जमानत, हर महीने 21 बार बोलना होगा 'भारत माता की जय' 

MP High Court: यह शर्त जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल ने रखी है. उन्होंने कहा कि भोपाल के मिसरोद पुलिस स्टेशन में झंडे को सलामी देने की यह शर्त मुकदमा खत्म होने तक जारी रहेगी.

Court Order (Representative Image) Court Order (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • जमानत के लिए देशभक्ति की अनोखी शर्त

  • 21 बार बोलना होगा भारत माता की जय

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक आरोपी को अनोखी शर्त पर बेल दी है. ये शर्त है 21 बार ‘भारत माता की जय' बोलना. दरअसल, भारत-विरोधी नारे लगाने के आरोप में इस व्यक्ति को जमानत दी गई है, लेकिन इसके साथ एक अनोखी शर्त भी जोड़ी गई है. फैजल उर्फ फैजान को मंगलवार को इस शर्त पर रिहा किया गया कि वह हर महीने दो बार राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी देगा और "भारत माता की जय" का नारा लगाएगा. यह आदेश जमानत की शर्त के रूप में दिया गया है ताकि आरोपी में देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना जाग सके. 

जमानत के लिए देशभक्ति की अनोखी शर्त
यह शर्त जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल ने रखी है. उन्होंने कहा कि भोपाल के मिसरोद पुलिस स्टेशन में झंडे को सलामी देने की यह शर्त मुकदमा खत्म होने तक जारी रहेगी. कोर्ट के आदेश में कहा गया है, "वह हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच मिसरोद पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा और झंडे को 21 बार सलामी देगा, साथ ही 'भारत माता की जय' का नारा लगाएगा.”

जस्टिस पालीवाल का मानना है कि यह अनोखी जमानत की शर्त शायद आरोपी को भविष्य में कानूनी उलझनों से बचा सकती है. इसके साथ ही, फैजल को ₹50,000 का बॉन्ड जमा करने का भी निर्देश दिया गया, और चेतावनी दी गई कि शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत आदेश अपने आप खत्म हो जाएगा. 

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वह नारा जिसने फैजान को मुश्किल में डाला
यह मामला उस घटना से जुड़ा है जिसमें फैजल पर "पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद" के नारे लगाने का आरोप था. जिसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया. राज्य के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह भी कहा कि फैजल एक आदतन अपराधी हैं और उनके खिलाफ 14 दूसरे मामले भी दर्ज हैं. 

फैजल की ओर से यह तर्क दिया गया कि घटना को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है, लेकिन उसने यह भी स्वीकार किया कि वीडियो में जिसे नारे लगाते हुए देखा जा रहा है वह फैजल ही है. 

जबकि फैजल के वकील ने तर्क दिया कि उसे झूठा फंसाया गया है. अदालत ने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बिना, फैजल के आपराधिक इतिहास और पिछले आरोपों को ध्यान में रखते हुए जमानत की अनुमति दी, लेकिन इसके साथ देशभक्ति की शर्त जोड़ दी.