मुंबई में घर और दफ्तर तक टिफिन बॉक्स यानी डब्बा पहुंचाने की शुरुआत 1890 से हुई. 100 लोगों के साथ शुरू की गई डब्बा सर्विस देखते ही देखते चलन में आ गई. इसके जरिए लोगो को घर का बना खाना मुंबई के किसी भी इलाके में मिल जाता था. डब्बा वाले मुंबई में घरों से दफ्तर मुंबईकर्स को गर्म खाना पहुंचाते हैं. इनके डिलीवरी सिस्टम की देश ही नहीं विदेशों में भी जमकर तारीफ होती है. मुंबई में डब्बा वाले बाकायदा एक खास यूनिफॉर्म पहनकर अपना काम करते हैं. हालांकि कई फूड डिलीवरी एप आ जाने से मुंबई मं डब्बा वाला की पॉपुलैरिटी में कमी आई है. मुंबई में पहले डब्बावालों की संख्या 5000 हुआ करती थी मगर अब केवल 2400 रह गई है.
कोविड के बाद मुंबई के डब्बावालों की कमाई पर खासा असर पड़ा है. आलम ये है कि आज के समय में डब्बावालों को अपना घर चलाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. मुंबई में 16 साल से डब्बा सर्विस में काम करने वाले निलेश कहते है कि कोविड के बाद और ऑनलाइन एप्लीकेशन आने से हमारा बहुत नुकसान हुआ है. हमारी सेवा बहुत सारी जगह बंद कर दी गई जिससे हमारी आजीविका पर असर पड़ा है. हमें दो-दो काम करने पड़ रहे हैं. सुबह हम लोग डब्बा डिलीवर करते हैं और उसके बाद शाम को दूसरा काम करते हैं.
मुंबई में कोविड से पहले करीब 2 लाख से ज्यादा लोग डब्बेवालों की सेवा लेते थे. लेकिन अब इनकी संख्या कम होकर 40 हजार के पास पहुंच गई है. डब्बेवालों को रोजगार मिले इसके लिए अब जल्द ही ऑनलाइन एप्लीकेशन शुरू किया जा रहा है. जल्द ही इस एप्लीकेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद मुंबई के लोग इसका फायदा उठा पाएंगे. मुंबई डब्बावाला जल्द सेंटर किचन की भी सुविधा शुरू करेगी जिससे लोग खाना मंगाकर खा सकें. इस एप्लीकेशन का नाम डब्बेवाला रखा गया है. ये एप्लीकेशन दूसरे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप्लीकेशन की तरह ही काम करेगी.