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ऐसा देश है मेरा! मुस्लिम परिवार के आंगन से उठी हिंदू बेटी की डोली, तोहफे में दी सोने की चेन

मुस्लिम परिवार ने हिन्दू परिवार की बेटी की शादी के लिए अपने घर के आंगन में शादी का मंडप लगवाया. तोहफे में सोने की चेन दी. इसे मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है.

पुजा और उसके पति पुजा और उसके पति
हाइलाइट्स
  • लड़की के पिता की कोरोना से हो गई थी मौत

  • पड़ोसी परवेज ने की शादी में मदद

आजमगढ़ शहर कोतवाली अंतर्गत एलवल मोहल्ले में कुछ ऐसा हुआ जो गंगा जमुना तहजीब की मिसाल मानी जा रही है. दरअसल, एक हिंदू बेटी की शादी के लिए मुस्लिम परिवार ने न सिर्फ अपने आंगन में सात फेरे लेने के लिए मंडप बनवाया बल्कि हिंदू रीति रिवाज से पूजा-पाठ सात फेरे कराकर दुल्हन को विदा भी किया. इतना ही नहीं इस परिवार ने बच्ची का कन्यादान भी किया और उसे उचित तोहफा भी दिया.


लड़की के घरवालों की आर्थिक स्थिति थी कमजोर

शहर के एलवल मोहल्ले के रहने वाले  चौरसिया पान की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. राजेश की बहन के पति की दो साल पहले कोरोना से मौत हो गई. जिसके बाद राजेश ने अपनी भांजी की शादी करने का ठान लिया. शादी तय हो गई लेकिन मुश्किल ये थी कि राजेश के पास केवल रहने के लिए छत के सिवाय कुछ भी नहीं था. राजेश की आर्थिक हालत भी उतनी अच्छी नहीं थी, जिससे भांजी की शादी धूमधाम के साथ कर सके. राजेश ने अपने बगल के रहने वाले परवेज से भांजी की शादी के लिए मंडप लगाने की बात कही. परवेज ने अपने आंगन में मंडप बनवाया और शादी की तैयारी शुरू हो गई. 22 अप्रैल को धुमधाम से शादी हुई. शादी में हिन्दू और मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर गीत गाए. राजेश ने अपने सामर्थ्य के अनुसार वर पक्ष को तोहफा दिया. 

शादी मंडप


परवेज ने दूल्हे को दी सोने की चेन

खिचड़ी रस्म के दौरान राजेश के पड़ोसी परवेज ने दुल्हे के गले में सोने की चेन पहनाई तो शादी रस्म में चार चांद लग गया. परवेज बताते हैं कि मैंने हर तरीके से साथ दिया. शादी मेरे घर से हुई, विदाई भी मेरे घर से हुई. हम लोग काफी खुश हैं. 
परवेज की पत्नी कहती हैं कि पूजा की मां बचपन से ही उनके घर पर रही हैं. दुख दर्द में हमारे परिवार ने उनका साथ दिया. इसलिए बेटी की शादी में भी हमने मदद की.

पुजा

वह आगे कहती हैं कि रमजान के महीने में हमने अपने घर में पूजा करवाई. धर्म सबका भले अलग-अलग हो लेकिन हमने इंसानियत निभाई है.