बदन का सारा लहू खिंच के आ गया रुख़ पर (चेहरे पर)
वो एक बोसा (किस) हमें दे के सुर्ख़-रू (लाल हो जाना) है बहुत ,
जफर इकबाल की ये शायरी आज नेशनल किसिंग डे पर खूब फिट बैठती है. वो इसलिए कि जब भी आपके होंठ किसी दूसरे के होंठ को किस करते हैं तो काफी संवेदनशीलता महसूस होती है. नेशनल किसिंग डे आप को अपने बच्चे, अपने किसी साथी, या फिर अपने पालतू जानवर को किस करने का दिन है. नेशनल किसिंग डे इसलिए भी खास है क्योंकि जब हम छोटे होते हैं तो हमारे माता-पिता हमें चुमते हैं, और उम्र के साथ किस या चुंबन लेने का तौर-तरीका बदलता रहता है, साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि चुंबन की परंपरा कोई नई नहीं है, ये हजारों सालों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है.
बता दें कि चुंबन सिर्फ स्नेह और आकर्षण के लिए नहीं किया जाता. इसके और भी कई कारण हैं. जैसे किसी का अभिवादन करना. बताते चलें कि ईसाई रीती-रिवाज में अभिवादन के लिए गाल को चूमना, और मुस्लिम में अभिवादन के लिए माथे को चूमना यानी बोसा लेनना काफी पूरानी परंपरा है. वहीं आयरलैंड में, ब्लार्नी स्टोन को चूमने का रिवाज सदियों से मौजूद है. इसके बारे में कहा जाता है कि किसर किस करके अपनी वफादारी का संकेत देता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि दुनिया में सबसे पहली बार किस कब और किसने किया होगा.
पहला रिकॉर्डेड किस (लगभग 1500 ई.पू.)
चुंबन के इतिहास में जानकारी ऱखने वाले वाले टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के मानवविज्ञानी वॉन ब्रायंट के मुताबिक , चुंबन का जिक्र वेदों, संस्कृत ग्रंथों से मिलता है जो लगभग 3,500 साल पुराना है.
तो 23 जुलाई कैसे बना नेशनल किसिंग डे
राष्ट्रीय चुंबन दिवस को 22 जून को मनाने को लेकर कोई खास जानकारी मौजूद नहीं है. हालांकि, 2002 में शुरू होने वाली इस तारीख के आसपास कई घटनाएं हुईं जिसमें यूनाइटेड किंगडम सोप ओपेरा होलीओक का एक एपिसोड 25 जून 2002 को प्रसारित हुआ. इस एपिसोड में ऐली और बेन नाम के दो किरदार थे. इस फिल्म में तब तक सबसे लंबा किस करने का रिकॉर्ड बनाया था. अभिनेता सारा बैक्सेंडेल और मार्कस पैट्रिक ने राष्ट्रीय चुंबन दिवस के मौके पर आयोजित एक किसिंग कॉमप्टिशम में तीन मिनट और पंद्रह सेकंड के लिए एक दूसरे को किस किया था.