नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री Sweet Bobby: My Catfish Nightmare इन दिनों काफी चर्चा में है. इस डॉक्यू सीरीज में लंदन की एक रेडियो प्रेजेंटर Kirat Assi की कहानी दिखाई गई है जिनके साथ उनकी अपनी ही कजिन सिमरन भोगाल ने कैटफिशिंग की. इस डॉक्यूमेंट्री के आने के बाद से ही कैटफिशिंग को लेकर काफी बात हो रही है. ये यूके का सबसे लंबे समय तक चला कैटफिशिंग का मामला है. तो चलिए जानते हैं आखिर क्या हुआ Kirat Assi के साथ और ये कैटफिशिंग आखिर होता क्या है.
क्या है पूरा मामला?
लंदन बेस्ड रेडियो प्रेजेंटर Kirat Assi नौ साल से एक शख्स से प्यार करती थीं. यह सब एक फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुआ. 2009 में उन्होंने एक कॉर्डियोलॉजिस्ट बॉबी से बात करना शुरू किया. दोनों ने करीब 9 साल तक एक दूसरे से केवल मेल या व्हाट्सएप पर बात की. लेकिन जब किरत के सामने सच्चाई आई तो उन्हें पता चला कि ये उनके साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा था, जिसे किसी अजनबी ने नहीं बल्कि उनकी खुद की चचेरी बहन सिमरन भोगल ने रचा था.
नौ साल तक होती रही कैटफिशिंग
नौ साल तक यह रिश्ता सिर्फ वर्चुअल ही रहा. बॉबी हमेशा किसी न किसी अजीब बहाने से मिलने से मना करता रहा. नौ साल की इस इमोशनल धोखे के बाद, किरत को आखिरकार सच का सामना करना पड़ा. वह व्यक्ति, जिससे वह प्यार करती थीं, असल में था ही नहीं. वह एक कैटफ़िशिंग स्कैम का शिकार हुई थीं और जो शख्स इन बातचीत के पीछे था, वह बॉबी नहीं, बल्कि उनकी उनकी बहन सिमरन थी.
क्या होता है कैटफिशिंग?
कैटफिशिंग एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें कोई व्यक्ति नकली पहचान या नकली प्रोफाइल बनाकर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ दोस्ती, रिश्ते या इमोशनल कनेक्शन बनाने की कोशिश करता है. मसलन किसी लड़के का लड़की बनकर बात करना. इसमें आमतौर पर सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. खासकर किसी का फायदा उठाने या मजाक बनाने के उद्देश्य से लोग ऐसा करते हैं.
कैसे काम करते हैं कैटफिशर?
कैटफिशर अक्सर अपनी असली पहचान छुपाकर किसी और की तस्वीरें, नाम या जानकारी का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे दूसरों को धोखा दे सकें. कैटफिशिंग का मकसद अक्सर किसी की इमोशन से खेलना, पैसे ऐंठना या किसी और तरह का पर्सनल फायदा उठाना होता है. इसके शिकार हुए व्यक्ति को तब गहरा झटका लगता है जब उसे पता चलता है कि जिस व्यक्ति पर वह भरोसा कर रहा था, वह असल में कोई और निकला.
लोग कैटफिशिंग कैसे करते हैं?
लोग कैटफिशिंग करने के लिए इंटरनेट पर अपनी असली पहचान छुपा लेते हैं और किसी और का नाम, फोटो या जानकारी का इस्तेमाल करते हैं. वे सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं. इसके बाद वे किसी से दोस्ती करते हैं, बातें करते हैं और विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं. वे झूठी कहानियां बना सकते हैं या नकली तस्वीरें शेयर कर सकते हैं जिससे सामने वाला व्यक्ति उनके जाल में फंस जाए.
लोग कैटफिशिंग क्यों करते हैं?
1. अकेलापन या ध्यान आकर्षित करना: कुछ लोग अकेलापन महसूस करते हैं और ऑनलाइन झूठी पहचान बनाकर दूसरों से अटेंशन पाने की चाहत में ऐसा करते हैं.
2. इमोशनल कंट्रोल: कुछ लोग दूसरों की इमोशंस को कंट्रोल करने के लिए कैटफिशिंग करते हैं. वे दूसरों के साथ झूठे रिश्ते बनाकर उन्हें मेंटली टॉर्चर करने की कोशिश करते हैं.
3. धोखाधड़ी या पैसे हड़पना: कई बार लोग पैसों के लालच में कैटफिशिंग करते हैं. वे नकली पहचान बनाकर सामने वाले से पैसे मांगने या आर्थिक फायदा उठाने की कोशिश करते हैं.
4.अपनी असली पहचान छुपाना: कुछ लोग अपनी असली पहचान छुपाने के लिए कैटफिशिंग करते हैं क्योंकि वे अपनी रियल लाइफ की समस्याओं से भागना चाहते हैं या खुद को बेहतर दिखाना चाहते हैं.
5. मजाक या बदला लेने के लिए: कभी-कभी लोग मजाक करने या किसी से बदला लेने के इरादे से भी कैटफिशिंग करते हैं.
कैसे पता करें कि कोई कैटफिशिंग कर रहा है?
1. जल्दी इमोशनल कनेक्शन: अगर कोई व्यक्ति बहुत जल्दी आपसे इमोशनली अटैच हो जाए और बातें करने लगे या प्यार करने का दावा करे, तो सावधान हो जाएं.
2. मिलने से बचना: अगर वह व्यक्ति मिलने के लिए हमेशा बहाने बनाता है या वीडियो कॉल से मना करता है, तो यह कैटफिशिंग का संकेत हो सकता है.
3. फर्जी फोटो या प्रोफाइल: अगर किसी की प्रोफाइल तस्वीरें बहुत ज़्यादा परफेक्ट या मॉडल जैसी लगती हैं, तो उसकी जांच करें. ऐसे लोगों को तुरंत अपनी फ्रेंड लिस्ट से बाहर करें. आप तस्वीरों को गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं कि वे असली हैं या नहीं.
4. लिमिटेड जानकारी देना: अगर वह व्यक्ति अपने बारे में बहुत कम जानकारी देता है या उसके जवाब सही नहीं लगते हैं, तो सतर्क हो जाएं.
5. पैसे मांगना: अगर वह व्यक्ति किसी भी वजह से पैसे मांगता है, तो यह एक बड़ा संकेत है कि वह कैटफिशिंग कर रहा हो. या आपसे फायदा उठाने की कोशिश में बात कर रहा हो.
कैसे कैटफिशिंग से खुद को बचा सकते हैं?
कैटफिशिंग से खुद को बचाने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं. अगर कोई आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है तो उसकी प्रोफाइल की जांच करें और उसकी तस्वीरें गूगल इमेज पर सर्च करें, साथ ही उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स को देखें कि क्या वे असली लगते हैं.
किसी भी ऑनलाइन रिश्ते में बहुत जल्दी किसी पर भरोसा न करें. अगर कोई व्यक्ति जल्दी इमोशनल बातें करने लगे या आपसे आपकी पर्सनल जानकारी मांगे, तो यह एख रेड फ्लैग हो सकता है. ऑनलाइन बातचीत के दौरान, वीडियो कॉल करने की कोशिश करें. अगर वह व्यक्ति वीडियो कॉल करने से मना करता है या बहाने बनाता है, तो बातचीत बंद की जा सकती है.
अपनी पर्सनल जानकारी, जैसे पता, फोन नंबर या बैंक की जानकारी, किसी को न बताएं. अगर बातचीत लंबी हो गई है, तो उससे असल जिंदगी में मिलने की बात करें. अगर वह व्यक्ति मिलने से टालता है, तो सतर्क हो जाएं. ऑनलाइन बातचीत में कभी भी पैसे न भेजें, चाहे उसका बहाना कितना भी सही क्यों न लगे.
सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और अपनी सुरक्षा सेटिंग्स को प्राइवेट ही रखें. यदि आपको किसी पर डाउट हो, तो अपने दोस्तों या परिवार से सलाह लें.