scorecardresearch

मध्य प्रदेश से आई साम्प्रदायिक सौहार्द की नई मिसाल, मुस्लिम समुदाय ने हिंदुओं की पैदल यात्रा पर बरसाए फूल   

यात्री भगवान सावरिया सेठ के दर्शन कर देश में अमन शांति की दुआ के साथ साथ किसानों के लिए अच्छी बारिश और अच्छी फसल होने की कामना करेंगे. यह यात्रा प्रतिदिन 30 किलोमीटर चलेगी.

Flowers Flowers
हाइलाइट्स
  • साम्प्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल सामने आई रतलाम में   

  •  आठ दिन की पैदल यात्रा में मुस्लिम समाज के लोग भी होते हैं शामिल

देश भर में  चल रहे साम्प्रदायिक तनाव के बीच मध्यप्रदेश के रतलाम से साम्प्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल सामने आई है. हिंदुओं  के देव भगवान सावरिया सेठ की पैदल यात्रा पर रतलाम में मुस्लिम समाज ने  पुष्प बरसाकर एवं यात्रियों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया है. इस पैदल यात्रा में मुस्लिम समाज सहित सभी वर्गों के  लोग शामिल होते हैं.

रतलाम से करीब 16 किलोमीटर दूर फोरलेन हाईवे पर स्थित रैनमहु गांव से हर साल सावरिया सेठ पैदल यात्रा निकलती है. इस बार यहां यात्रा के स्वागत के लिए पहले से ही मुस्लिम समाज के लोग खड़े थे. उन्होंने यात्रा कर रहे लोगों पर फूलों की वर्षा की और यात्रा में शामिल लोगों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया. मुस्लिम समाज के लोगों ने जय सावरिया सेठ की जय जयकार भी लगाई. 

आपको बता दें, पवित्र रमजान के दौरान रोजा होते हुए भी मुस्लिम समाज ने इस तरह से यात्रा का स्वागत किया. इससे हिन्दू मुस्लिम एकता का एक अनूठा संदेश देश में गया है. इस पैदल यात्रा में मुस्लिम समाज के कुछ युवा भी शामिल होने वाले हैं.

8 दिन की होगी यात्रा

दरअसल, ये यात्रा 8 दिन की है. यह 24 अप्रैल को राजस्थान के मंडदफ़्लिया पहुंचेगी, जहां यात्री भगवान सावरिया सेठ के दर्शन कर देश में अमन शांति की दुआ के साथ साथ किसानों के लिए अच्छी बारिश और अच्छी फसल होने की कामना करेंगे. यह यात्रा प्रतिदिन 30 किलोमीटर चलेगी.  यात्रा में फिलहाल रैनमहु सहित आसपास के गांवों के 100 लोग शामिल हैं. लेकिन जैसै जैसे यात्रा अन्य शहरों से गुजरेगी वैसे वैसे लोग जुड़ते जाएंगे. करीब 400 लोग इस यात्रा में आखिर तक शामिल हो सकते हैं. 

देश में बना रहे अमन-चैन 

मुस्लिम धर्मावलंबी शेरू पठान कहते हैं, “मैं हिंदुस्तान की जनता और सभी लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि आज हमारे देश में जोभी चल रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए. हमारे देश के सभी लोग तीज त्योहार भाई-चारे के साथ मिलकर मनाएं. इस यात्रा का उद्देश्य यही है कि हमारे सारे यात्री पैदल जाएंगे. हमारे मुस्लिम समाज के जो लोग रोजा रख रहे हैं, जब उन्हें पता चला कि रमजान माह के पावन पर्व में यात्रा निकल रही है, तो हमने इसका जोरदार स्वागत किया. इस यात्रा का उद्देश्य बहुत अच्छा है कि किसानों के लिए अच्छी बारिश हो, फसलों के अच्छे दाम मिलें,  कोरोना से निजात मिले और देश में अमन और शांति बनी रह. हम सांवलिया सेठ से यही प्रार्थना करेंगे. मैं इस यात्रा में रमजान का महीना चलने के बावजूद भी 8 दिन में से 3 दिन शामिल रहूंगा.”

मुस्लिम भाइयों ने किया दिल खोलकर स्वागत 

वहीं  यात्रा का नेतृत्व कर रहे डी पी धाकड़ कहते हैं कि यह सांवलिया सेठ की यात्रा में लोग रेन मऊ चौपाटी से हनुमान मंदिर से सांवलिया सेठ तक जाते हैं. इस यात्रा में गांव के लोग तथा आसपास के गांव के लोग और धर्म प्रेमी 8 दिन तक यात्रा करते हैं. यह पैदल यात्रा होती है. इसका उद्देश्य विश्व शांति के लिए प्रार्थना करना है. हम चाहते हैं कि सभी जाति और सभी वर्ग व समुदाय के साथ सभी धर्म के लोग इसका पालन करें. इसके साथ हम सबकी ये मंगल कामना है कि किसानों को जितनी तकलीफ हो रही है वह न हो. हम अच्छी वर्षा के लिए,  फसलों के दाम अच्छे हों, किसानों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो,  पूरे देश में धर्म के नाम पर जो समुदायों  बांटा जा रहा है वैसा न हो इन्हीं कामनाओं के साथ हम यात्रा निकाल रहे हैं.

वे आगे मुस्लिम भाइयों द्वारा जो उनका स्वागत किया गया है, उसके बारे में बताते हैं. उन्होंने कहा,  “आपने देखा होगा कि आज जब रतलाम में हमारी यात्रा निकली तो मुस्लिम समाज के भाइयों ने रोजा होने के बावजूद भी हमारी यात्रा का सम्मान किया. उन्होंने हमारा स्वागत किया.  हम हर रोज 30 किलोमीटर चलते हैं.”
 
(विजय मीणा की रिपोर्ट)